Tuesday, January 14, 2020

236..हाथ रख, गीता या कुरान पर, कर, शपथ,

सादर अभिनन्दन
आज और कल
दोनों दिन संक्रान्ति है
तिल-गुड़ ध्या अणि गोड़-गोड़ बोला
जिसका हिन्दी में अर्थ है : 
तिल-गुड़ दो और मीठा-मीठा बोलो।
मकर संक्रान्ति की शुभकामनाएँ
आज ही के दिन
हमारे यदा-कदा के चर्चाकार
भाई रवीन्द्र सिंह जी का जन्म हुआ
उन्हें मुखरित मौन की ओर से बधाइयाँ

अब चलें रचनाओं का ओर ..

दुल्हन ने अपनी तारों जड़ी चुनरी समेटी,
नींद से उठ कर
चाँद जैसे आभूषण
सहेज रख दिये संदूक में,
बादलों से निकलता भास्कर
ज्यों उषा सी नवेली
दुल्हन का चमकता चेहरा ,


हाथ रख, गीता या कुरान पर, 
कर, शपथ, 
बस, सत्य के नाम पर, 
हो, एक पथ, 
तू बाँच दे, क्या है सत्य! 


गली की
आखिरी मोड़ वाली पुलिया पर बैठकर
बहुत इंतजार किया
तुम नहीं आयीं
यहां तक तो ठीक था
पर तुम घर से निकली भी नहीं ?
..
मुझे अफसोस है कि
आज संक्रान्ति है
और संक्रान्त पर कोई रचना नहीं है
सारे अपनी रेवड़ी खुद को ही बांट रहे हैं
सादर..


8 comments:

  1. सुंदर अंक ,आप सभी को भी मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं और रविंद्र सर को उनके जन्मदिन की हार्दिक बधाई

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  2. सबसे पहले रवीन्द्र भईया को जन्मदिन की ढेर सारी बधाई।
    और आज की तीनों रचनाएं बहुत ही प्रभावशाली है। अंग्रेजी में बोलूं तो..."three shades of life".
    एक सफल प्रस्तुति।

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  3. बधाई रवींद्र जी को। सुन्दर प्रस्तुति।

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  4. सुंदर प्रस्तुति आदरणीय दीदी। आदरणीय रविंद्र जी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ। मकर संक्रांति की सभी साहित्यप्रेमियों को शुभकामनायें,

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  5. सम्मानित मित्रों को मकर संक्रांति की बधाई
    रविन्द्र भाई को जन्मदिन की बधाई
    बहुत सुंदर संकलन
    मुझे सम्मिलित करने का आभार
    सादर

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  6. यह मंच अच्छी सेवाएं अपने पाठकों को दे रहा है, इसके लिये आयोजकों को बधाई...। एक और बधाई रविन्द्रजी को आज जन्मदिन विशेष की...

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  7. आदरणीया यशोदा दी व समस्त सहयोगियों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएँ । इस मंच की शोभा व गरिमा दिनानुदिन बढती रहे।

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  8. सभी सह रचनाकारों, चर्चाकारोंको मकर संक्रांति पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं।
    सुंदर सांध्य अंक सभी रचनाकारों को बधाई।
    मेरी रचना को मुखरित मौन में शामिल करने के लिए हृदय से आभार।

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