बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
माँ सरस्वती की असीम कृपा चर-अचर जगत के
समस्त जीवों के मन,बुद्धि और वाणी पर बरसती रहे।
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आज शहीद दिवस भी है
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आज शहीद दिवस भी है
शहीद दिवस
महात्मा गाँधी निर्वाण तिथि
शत्-शत् नमन
आज हमें डबल प्रस्तुति बनानी थी सो
आज एक ही ब्लॉग से
शत्-शत् नमन
आज हमें डबल प्रस्तुति बनानी थी सो
आज एक ही ब्लॉग से
ज़िंदगी के साथ रिश्ता यूँ निभाना चाहिए
करके दिल का बोझ हल्का मुस्कुराना चाहिए
रूठ जाने पर निकल जाना अकेले दूर तक
रात गहराने से पहले लौट आना चाहिए
इक्कीस बरस की थी सुखमनी
जब आई थी ब्याह के
तब पता न था उसे
की जीतू के स्वभाव का
शादी के कुछ दिन बाद ही से
डराता धमकाता रहा वो
और वो डरती रही
जी लूँ कुछ पल साथ तुम्हारे
सुन लूँ तेरे सारे सुख दुःख
कह दूँ तुझसे मन की गाथा
ऐ पल थम जा,थोड़ा सा रुक
समझ न पाई क्या न भाया
कब मैंने तुझको उकसाया
कब कह दी कुछ कडवी बातें
कब कुछ अनचाहा सा गाया
सुकून तुझे तलाशते तलाशते
बीती जा रही है उम्र
पर तुम हमेशा पहुँच से बाहर
तुम्हे पाने की चाहत में
बदलती गयी जीने का ढंग
रख दी हसरतें एक कोने में
....
रंजना जी के बारे में
रंजना जी की ही कलम से
रंजना जी की ही कलम से
सन्नाटे को सुनने की कोशिश करती हूँ...
रोज़ नया कुछ बुनने की कोशिश करती हूँ...
नहीं गिला मुझको की मेरे पंख नहीं है....
सपनो में ही उड़ने की कोशिश करती हूँ.
...
कल फिर मिलते हैं
सादर
कल फिर मिलते हैं
सादर
सुंदर अंक।
ReplyDeleteउम्दा प्रस्तुति है आपकी समीक्षा ।
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