सादर अभिनन्दन
आज और कल
दोनों दिन संक्रान्ति है
आज और कल
दोनों दिन संक्रान्ति है
तिल-गुड़ ध्या अणि गोड़-गोड़ बोला
जिसका हिन्दी में अर्थ है :
तिल-गुड़ दो और मीठा-मीठा बोलो।
मकर संक्रान्ति की शुभकामनाएँ
आज ही के दिन
हमारे यदा-कदा के चर्चाकार
भाई रवीन्द्र सिंह जी का जन्म हुआ
आज ही के दिन
हमारे यदा-कदा के चर्चाकार
भाई रवीन्द्र सिंह जी का जन्म हुआ
उन्हें मुखरित मौन की ओर से बधाइयाँ
अब चलें रचनाओं का ओर ..
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjN3C94haKBoTdWDene7sDQmv1kSEX0dgLSHH_kgItdFFrqStbT1qm5iKDFEXFRerecEokvguiqenv7KIfJbGUEqWy5AS9SCEgm7pJcjCbl9Sg_Mgi6-1V3ZJqB_tG1h_1GH6FvojjPBD0/s320/IMG-20200113-WA0001.jpg)
दुल्हन ने अपनी तारों जड़ी चुनरी समेटी,
नींद से उठ कर
चाँद जैसे आभूषण
सहेज रख दिये संदूक में,
बादलों से निकलता भास्कर
ज्यों उषा सी नवेली
दुल्हन का चमकता चेहरा ,
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgz3UBlyq35xTAxqs4X1m0f2eCjJKeO5dit6F5018rXxCjFa92vMnBvog-QfWeLhbG8bhdB6D4QyOuOo1UJOnviP_mJ4OctrTw57qtJ6qhkVHMzX_Df8a9kiOKTYrQM3jibKxKlz63RQKn2/s400/IMG_1578973541759.jpg)
हाथ रख, गीता या कुरान पर,
कर, शपथ,
बस, सत्य के नाम पर,
हो, एक पथ,
तू बाँच दे, क्या है सत्य!
गली की
आखिरी मोड़ वाली पुलिया पर बैठकर
बहुत इंतजार किया
तुम नहीं आयीं
यहां तक तो ठीक था
पर तुम घर से निकली भी नहीं ?
..
मुझे अफसोस है कि
आज संक्रान्ति है
और संक्रान्त पर कोई रचना नहीं है
सारे अपनी रेवड़ी खुद को ही बांट रहे हैं
सादर..
मुझे अफसोस है कि
आज संक्रान्ति है
और संक्रान्त पर कोई रचना नहीं है
सारे अपनी रेवड़ी खुद को ही बांट रहे हैं
सादर..
सुंदर अंक ,आप सभी को भी मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं और रविंद्र सर को उनके जन्मदिन की हार्दिक बधाई
ReplyDeleteसबसे पहले रवीन्द्र भईया को जन्मदिन की ढेर सारी बधाई।
ReplyDeleteऔर आज की तीनों रचनाएं बहुत ही प्रभावशाली है। अंग्रेजी में बोलूं तो..."three shades of life".
एक सफल प्रस्तुति।
बधाई रवींद्र जी को। सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति आदरणीय दीदी। आदरणीय रविंद्र जी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ। मकर संक्रांति की सभी साहित्यप्रेमियों को शुभकामनायें,
ReplyDeleteसम्मानित मित्रों को मकर संक्रांति की बधाई
ReplyDeleteरविन्द्र भाई को जन्मदिन की बधाई
बहुत सुंदर संकलन
मुझे सम्मिलित करने का आभार
सादर
यह मंच अच्छी सेवाएं अपने पाठकों को दे रहा है, इसके लिये आयोजकों को बधाई...। एक और बधाई रविन्द्रजी को आज जन्मदिन विशेष की...
ReplyDeleteआदरणीया यशोदा दी व समस्त सहयोगियों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएँ । इस मंच की शोभा व गरिमा दिनानुदिन बढती रहे।
ReplyDeleteसभी सह रचनाकारों, चर्चाकारोंको मकर संक्रांति पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteसुंदर सांध्य अंक सभी रचनाकारों को बधाई।
मेरी रचना को मुखरित मौन में शामिल करने के लिए हृदय से आभार।