आंखों का दरिया छुपाने के लिये
मुस्कुराते हैं जमाने के लिये ।।
बात दिल की अब समझता है कौन
जायें किसको गम दिखाने के लिये ।।
हां, हमे मजबूत होना ही पड़ा
राह से पत्थर हटाने के लिये ।।
सर झुकाना मंजूर कर "आरती "
फ़ासले दिल के मिटाने के लिये ।।
वाह सुंदर और सत्य।
ReplyDelete👌👌👌👌👌👌उम्दा
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा
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