न संगीत, न फूल
उसका हंसना
याद आ रहा है
संगीत का बिखरना
और फूलों का झरना
याद आ रहा है
याद आ रहा है
मेरा मर मिटना
उसकी उस दिलकश हंसी पर
और इसी के साथ
आ रहा है रोना
उसका दुखी, बीमार
उदास होना
क्या बताऊं
अखर रहा है
किस क़दर
कुछ इस क़दर
कि न संगीत अच्छा लग रहा है
न फूल अच्छे लग रहे
-केशव शरण
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