Tuesday, February 20, 2018

प्रश्न....शबनम शर्मा


मत करो मुझसे कोई
भी प्रश्न
मैं प्रश्नों से घिरी
ज़िन्दगी जीना नहीं चाहती।
छटपटाती है ज़िन्दगी
तो कोई भी पूछता नहीं
फिर क्यों टकटकी सी
लगाते हो, जब कभी
चेहरे पर मुस्कुराहट
आती है पल भर के लिए
छिपाये हैं मैंने आँसुओं के
सैलाब, कई काली भीषण रातों,
तरसते दिल में।

- शबनम शर्मा

No comments:

Post a Comment