Sunday, February 4, 2018

तेरा एहसास तो है.....अंतरिक्ष शर्मा


तू नहीं, 
तेरा एहसास तो है।
एक नूरानी चेहरा,
दिल के पास तो है।
तू न मिले फिर भी,
तेरे दीदार की आस तो है।
हम भी ख़ुश हैं ये सोचकर कि,
कोई कहीं हमारा भी, 
ख़ास तो है।
तुझे पाने की चाह से ही,
जीवन में कुछ,
हास-परिहास तो है।
तेरी ही फ़िकर, 
हर दिन, 
हर पल,
इसका गवाह,
वो इतिहास तो है।
अरसों बीत जाते हैं, 
ख़यालों में तेरे,
तेरे ही नाम की, 
हर एक साँस तो है।
कृष्ण के प्रेम में, 
गोपियाँ झूमें-गाए,
तुझे ही राधा मानता है कोई,
इसका तुझे भी, 
आभास तो है।

-अंतरिक्ष शर्मा

5 comments:

  1. वाह. बहुत सुन्दर रचना

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  2. बहुत सुन्दर रचना
    सुंदर शब्द चयन और भाव

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  3. बहुत सुन्दर रचना
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  4. तू न मिले तेरा अहसास तो है.... बहुत सुन्दर

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