तू नहीं,
तेरा एहसास तो है।
एक नूरानी चेहरा,
दिल के पास तो है।
तू न मिले फिर भी,
तेरे दीदार की आस तो है।
हम भी ख़ुश हैं ये सोचकर कि,
कोई कहीं हमारा भी,
ख़ास तो है।
तुझे पाने की चाह से ही,
जीवन में कुछ,
हास-परिहास तो है।
तेरी ही फ़िकर,
हर दिन,
हर पल,
इसका गवाह,
वो इतिहास तो है।
अरसों बीत जाते हैं,
ख़यालों में तेरे,
तेरे ही नाम की,
हर एक साँस तो है।
कृष्ण के प्रेम में,
गोपियाँ झूमें-गाए,
तुझे ही राधा मानता है कोई,
इसका तुझे भी,
आभास तो है।
-अंतरिक्ष शर्मा
वाह. बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteसुंदर शब्द चयन और भाव
बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteAd Click Team
तू न मिले तेरा अहसास तो है.... बहुत सुन्दर
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