सांध्य अंक में
आप सभी का स्नेहिल अभिवादन।
नक़्श-ए-ख़याल दिल से मिटाया नहीं हनूज़
बे-दर्द मैं ने तुझ को भुलाया नहीं हनूज़
वो सर जो तेरी राहगुज़र में था सज्दा-रेज़
मैं ने किसी क़दम पे झुकाया नहीं हनूज़
मेहराब-ए-जाँ में तू ने जलाया था ख़ुद जिसे
सीने का वो चराग़ बुझाया नहीं हनूज़
बेहोश हो के जल्द तुझे होश आ गया
मैं बद-नसीब होश में आया नहीं हनूज़
मर कर भी आएगी ये सदा क़ब्र-ए-'जोश' से
बे-दर्द मैं ने तुझ को भुलाया नहीं हनूज़
-जोश मलीहाबादी
यहाँ..
सारा का सारा
आसमान...
कब और किसको
मिला है..
यह मन ही
पागल है...
मिठास की चाह भी
रखता है..
और वह भी
खारी सांभर से...
नैतिक चरित्रों का आना - जाना, -
हम तो ठहरे अप्रसिद्ध लोग,
हमें बहरहाल, वक़्त के
हमराह यूँ ही जीना
मरना है, हमें
हर विषम
राहों से
सुबह शाम गुज़रना है - - - -
हर रिश्ता निभाया है, जी जान से उन्होंने
लगाते उनको भी गले थे, दगा दिया हो जिन्होंने
किसी के बेटे, किसी के भाई, किसी के पिता हैं वो,
मेरे तो पती हैं, पर मानते नहीं है वो
अकंपित लौ
तम के भाल पर
तिलक समान
शोभायमान ।
यदि राधा के अश्रु न मिलते ||
घर से मतलब रखता है
गली में हो रहे शोर से ध्यान हटाता है
शहर में बहुत कुछ होता है
अखबार में उसमें से थोड़ा तो आता है
गली में हो रहे शोर से ध्यान हटाता है
शहर में बहुत कुछ होता है
अखबार में उसमें से थोड़ा तो आता है
अखबार दो रुपिये का अब कौन खरीदता है
बात बस खबर और समाचार के बीच की समझाता है बताता है
बात बस खबर और समाचार के बीच की समझाता है बताता है
समस्या और समाधान बेकार की बातें हैं
व्यवधान इसी से होता चला जाता है
व्यवधान इसी से होता चला जाता है
------
बस
कल आएगी प्रिय दिव्या
बस
कल आएगी प्रिय दिव्या
-श्वेता
सादर नमन दीदी
ReplyDeleteअच्छा लगा आपको देखकर
उम्दा प्रस्तुति
सादर
बेहतरीन प्रस्तुति..
ReplyDeleteसादर..
बहुत सुन्दर संकलन । संकलन में मेरी रचना साझा करने हेतु आभार श्वेता जी ।
ReplyDeleteबेहतरीन संकलन श्वेता .
ReplyDeleteसुन्दर संकलन व प्रस्तुति, प्रस्तावना भी बहुत ख़ूबसूरत, मुझे शामिल करने हेतु हार्दिक आभार - - नमन सह।
ReplyDeleteबेहतरीन संकलन
ReplyDeleteबहुत सराहनीय संकलन
ReplyDeleteपठनीय रचनाओं का संयोजन !
ReplyDeleteहार्दिक आभार श्वेता जी ।
ReplyDeleteकरीने से सजे घर के किसी कोने सा संकलन ।
सभी रचनाकारों को बधाई!
सुंदर संकलन और सराहनीय प्रस्तुतीकरण..। मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका आभार..। श्रमसाध्य कार्य हेतु हार्दिक शुभकामनाएँ श्वेता जी..।
ReplyDelete