भगवान महावीर जयंती की शुभकामनाएं....
मौसम खराब चल रहा है..
पेनडेमिक माहौल है..
आगे की इच्छा ईश्वर की है..
भगवान महावीर जयंती की शुभकामनाएं....
मौसम खराब चल रहा है..
पेनडेमिक माहौल है..
आगे की इच्छा ईश्वर की है..
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आज सिर्फ़ एक रचना पढ़िए
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आइये आज की रचनाएँ पढ़ते हैं-
वह सरल, विरल, काली रेखा
चींटी है प्राणी सामाजिक,
वह श्रमजीवी, वह सुनागरिक।"
कविता याद करते समय
एक खुराफाती प्रश्न
मन में अक्सर उभरता था
मगर…,
-रामधारी सिंह दिनकर
मेरे मैया की ऊँची अंटारी,मैं तो धीरे धीरे चढ़कर आई
"मेरे हठ का फल निकला कि हमारी बेटी हमें छोड़ गयी और बेटा को हम मरघट में छोड़ कर आ रहे ड्रग्स की वजह से..। संयुक्त परिवार के चौके से आजादी लेकर किट्टी पार्टी और कुत्तों को पालने का शौक पूरा करना था।"
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पीड़ा धीरे-धीरे पिघल, आँसुओं में ढलती है
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आज के लिए इतना ही
-श्वेता
सादर अभिवादन