सुर के साथ साज देखिए
कहने का अंदाज देखिए
बातों की तह में जाकर
दिल में छुपे राज देखिए
प्यार में हुआ था पागल
कैसे गिरी है गाज देखिए
कल अहं था आसमाँ पर
पैरो में उसके ताज देखिए
रहा गुनाहगारों की सफ़ में
आज उसके नाज देखिए
नीचे निगाह ऊँची उड़ान
घात लगाता बाज देखिए
जिसके लिए मरे वही मारे
आती नहीं है लाज देखिए
-बाबू राम प्रधान
अल्मोड़ा