जो भी करना हिसाब से करना
बेहिसाब किया हुआ कुछ भला नहीं होता
उसने जिससे बेहिसाब प्रेम किया
वह हिसाब का बड़ा पक्का था
उसने प्रेम के हिसाब में
'बे' की वैल्यू शून्य निकाली।
उसके पास बहुत से खाते थे
और हर खाते का पक्का हिसाब भी
वह एक ही खाते में सब बेहिसाब रखकर
कंगाल हो गया।
जब चुक गईं उसकी सारी बेहिसाब बातें
हिसाबदार बोला आओ अब बात करें।
वह सोच में पड़ गया कि हर चीज़
हिसाब से करनी चाहिए कहने वाले ने
क्या कभी कुछ बेहिसाब न किया होगा।
हर बात में कितना वजन रखना है
कितने ग्राम कहना है
यह कोई बेहिसाबी कभी न कर पाएगा।
एक रोज हिसाबदार ने ज़ोर से कहा
या तो हिसाब में रहो या सोच लो।
उस दिन पहली बार उसने हिसाब से दुआ माँगी
जो प्यार न हो तो हम कभी न मिलें।
बेहिसाबी कभी भली नहीं होती
प्रेम में जीना है तो हिसाब से रहो।
उसे फिर भी हिसाब न आया
वो हाशिये पर ही रहा
मुस्कुराता रहा
हिसाब के पक्के लोगों को हिसाब में उलझते देखकर।
इन्दु सिंह