सावनी अभिनन्दन
आज आधी रात से
लॉकडॉउन फिर से लागू
छत्तीसगढ़ में...
सावधानी ही बचाव है
आज आधी रात से
लॉकडॉउन फिर से लागू
छत्तीसगढ़ में...
सावधानी ही बचाव है
पुरुष ने कहा ,
सुनो! मैं औरों जैसा नहीं हूँ,
संकुचित नहीं हैं विचार मेरे|
बहुत वृहद है सोच मेरी,
मैं नहीं समझता औरत को
जूती पाँव की!
मेरे साथ आओ,
मैं दूँगा तुम्हें ..... अनंत आकाश !
झीनी बारिश
सुरमई अँधेरा
जुगनू दिये
बाँसों का बन
सरसर पवन
बंशी बजाता
मौसम पर मन का कोई अधिकार नहीं
बादल हैं पर बारिश के आसार नहीं
बस्ती में कुछ लोग न मारे जाते हों
याद हमें ऐसा कोई त्यौहार नहीं
गरजत बरसत बदरा आये
मेघ मल्हार ....सुनाये
सनन -सनन पवन बहे
रिस रिस जिया रिसाये
कल-कल नदिया धुन छेड़े
सावन मधुर-मधुर गाये।।
भाव लेखनी ...कुसुम कोठारी
कवियों के मन मंथन से
बन नवनीत सार सुंदर।
नित नित भरती कलश सुधा के
विष बूझे कभी समुंदर ।
उफनती कभी शांत लहर सी
जाने कितने घूंट पिये।।
और अंत में
आइए बारिशों का मौसम है
सादर
रिमझिम बरसाती सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteसुंदर लिंक संकलन।
ReplyDeleteसुंदर, सुहाना मौसम ! पर एहतियाद भी बहुत जरुरी है
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteसभी रचनाकारों को बधाई।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।
सुन्दर प्रस्तुती...
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