आज सावन का पहला सोमवार है।
इस मास भगवान शिव और पार्वती जी का
मांगलिक मिलन हुआ।
इस पूरे महीने के प्रत्येक सोमवार को
शिव शंकर की पूजा-अर्चना की जाती है।
भगवान शिव हिंदू धर्म में सबसे
लोकप्रिय देवताओं में से ...
और सबके इष्टदेव हैं।
लोकप्रिय देवताओं में से ...
और सबके इष्टदेव हैं।
अब चलिए रचनाओं की ओर....
स्मृतियाँ हरी ही रहती हैं ...प्रतिभा कटियार
वो जो अटका हुआ है कोरों पर
कितने बरसों से
ढलका नहीं कभी
कि ढलक जाने की मोहलत ही कहाँ थी
सयानी सियासत ...अनीता सैनी
सयानी सियासत हद से निकल
नगें पाँव दौड़ रही है सरहद की ओर।
पैरों में बँधे हैं गुमान के घुँघुरु
खनक में मुग्ध हैं दिशाओं के छोर।
नशा-सा छाया है नाम के उसका
परिवेश में गूँजता है शह-मात का शोर।
क्या हमारा नहीं रहा सावन .... जौन एलिया
अपनी मंज़िल का रास्ता भेजो
जान हम को वहाँ बुला भेजो
क्या हमारा नहीं रहा सावन
ज़ुल्फ़ याँ भी कोई घटा भेजो
नई कलियाँ जो अब खिली हैं वहाँ
उन की ख़ुश्बू को इक ज़रा भेजो
आरज़ू ......आनन्द शेखावत
न जाने क्यों तुझसे इतना लगाव है,
लगता है अब तू ही मेरी मंजिल है
और तू ही बस आखिरी पड़ाव है,
मन अकुलाए,जिया घबराए ....सुषमा सिंह
मन अकुलाए,
जिया घबराए ।
घिर आए बदरा,
पिया नहीं आए ।।
झूम झूम बरसे बदरा,
पानी पानी हुआ अंगना ।
जागूं मैं सारी रतिया,
टप टप बरसे अखियां ।।
उलूक का पुराना पन्ना
विद्वान लोग
कुछ भी नहीं लिख देते हैं
'उलूक'
कुछ भी लिख देता है
और
उसका
कुछ मतलब निकल ही आये
ये जरूरी भी नहीं होता है ।
...
अब बस
कल नहीं आएँगे हम
सादर
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति .मेरे सृजन को स्थान देने हेतु सादर आभार .
ReplyDeleteआभार यशोदा जी।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
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