आज डॉक्टर्स डे है
भारत में डॉक्टरों का दिन जुलाई 1 को मनाया जाता है। यह वास्तव में भारत के महान चिकित्सक डॉ बिधान चंद्र रॉय के सम्मान में मनाया जाता है। वे पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी थे और उन्होंने इस क्षेत्र में कई योगदान दिए हैं। उनका जन्म 1 जुलाई 1882 में बिहार के पटना जिले में हुआ था।
..
अब देखिए आज की रचनाएँ...
गुड़ ...हर्षवर्धन जोग
ये बच्चा भी है और दिल का सच्चा भी है. कल इसके गाँव भी घूम आई मैं और गुड़ भी
तब तक कपूर साब भिन भिन करते हुए वहां से खिसक लिए.
- मनोहर आपके गुरु का मुख कड़वा हो गया है. अगली बार इनके लिए गाँव से गुड़ ले आना.
कुछ तो विवेक होना ही चाहिए ...गगन शर्मा
आज हालांकि व्यक्तिगत हित, अपने स्वार्थ, अपनी महत्वकांक्षाओं के सामने सब कुछ....सब कुछ गौण हो गया है, पर कहते हैं ना, कि कोई भी चीज स्थाई नहीं होती ! हर चीज का अंत होता है ! इतिहास अपने को दोहराता है ! अच्छा परिवेश, माहौल नहीं रहा, तो बुरा भी नहीं रहेगा ! समय बदलेगा तो हर जगह शुचिता आएगी ! तब शायद शासक को सही दिशा दिखाने के लिए ही विरोध हो ! देश के अवरोध के लिए नहीं ! विरोध हो गलत नीतियों का ! गलत फैसलों का ! गलत व्यक्ति का ! तब शायद सम्मानीय पद की प्रतिष्ठा बनी रहे ! देश की मर्यादा, उसकी गरिमा, उसकी अखंडता अक्षुण्ण रहे !
मौत से ....ओंकार जी
मैं चलता रहूँगा,
जब तक सांस चलेगी,
मौत, तुम्हें उसकी कसम,
जो तुम्हें सबसे प्रिय है,
मेरे गाँव पहुँचने से पहले
मेरे पास मत आना.
बिन्ना ...जोया
मैंने रिश्तों का हर बिन्ना बहुत निष्ठा, प्रेम और परिश्रम से बुना, लगाव की कोडियां सजायीं, स्नेह और प्रेम के रंग-बिरंगे धागे से इक-इक तिनका जोड़-जोड़ आगे बीना, समर्पण, सत्कार, हर तरह के घुँघरू लगाए, बहुत प्यार से सहेजा, सब किया।
ज़िंदगी की डोर ...सीमा सदा सिंघल
सब की बोलती बंद है इन दिनों,
वक़्त बोल रहा है ..
बड़ी ही ख़ामोशी से
कोई बहस नहीं,
ना ही कोई,
सुनवाई होती है
एक इशारा होता है
....
बस
माह बदलने की शुभकामनाएँ
सादर
भारत में डॉक्टरों का दिन जुलाई 1 को मनाया जाता है। यह वास्तव में भारत के महान चिकित्सक डॉ बिधान चंद्र रॉय के सम्मान में मनाया जाता है। वे पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी थे और उन्होंने इस क्षेत्र में कई योगदान दिए हैं। उनका जन्म 1 जुलाई 1882 में बिहार के पटना जिले में हुआ था।
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अब देखिए आज की रचनाएँ...
गुड़ ...हर्षवर्धन जोग
ये बच्चा भी है और दिल का सच्चा भी है. कल इसके गाँव भी घूम आई मैं और गुड़ भी
तब तक कपूर साब भिन भिन करते हुए वहां से खिसक लिए.
- मनोहर आपके गुरु का मुख कड़वा हो गया है. अगली बार इनके लिए गाँव से गुड़ ले आना.
कुछ तो विवेक होना ही चाहिए ...गगन शर्मा
आज हालांकि व्यक्तिगत हित, अपने स्वार्थ, अपनी महत्वकांक्षाओं के सामने सब कुछ....सब कुछ गौण हो गया है, पर कहते हैं ना, कि कोई भी चीज स्थाई नहीं होती ! हर चीज का अंत होता है ! इतिहास अपने को दोहराता है ! अच्छा परिवेश, माहौल नहीं रहा, तो बुरा भी नहीं रहेगा ! समय बदलेगा तो हर जगह शुचिता आएगी ! तब शायद शासक को सही दिशा दिखाने के लिए ही विरोध हो ! देश के अवरोध के लिए नहीं ! विरोध हो गलत नीतियों का ! गलत फैसलों का ! गलत व्यक्ति का ! तब शायद सम्मानीय पद की प्रतिष्ठा बनी रहे ! देश की मर्यादा, उसकी गरिमा, उसकी अखंडता अक्षुण्ण रहे !
मौत से ....ओंकार जी
मैं चलता रहूँगा,
जब तक सांस चलेगी,
मौत, तुम्हें उसकी कसम,
जो तुम्हें सबसे प्रिय है,
मेरे गाँव पहुँचने से पहले
मेरे पास मत आना.
बिन्ना ...जोया
मैंने रिश्तों का हर बिन्ना बहुत निष्ठा, प्रेम और परिश्रम से बुना, लगाव की कोडियां सजायीं, स्नेह और प्रेम के रंग-बिरंगे धागे से इक-इक तिनका जोड़-जोड़ आगे बीना, समर्पण, सत्कार, हर तरह के घुँघरू लगाए, बहुत प्यार से सहेजा, सब किया।
ज़िंदगी की डोर ...सीमा सदा सिंघल
सब की बोलती बंद है इन दिनों,
वक़्त बोल रहा है ..
बड़ी ही ख़ामोशी से
कोई बहस नहीं,
ना ही कोई,
सुनवाई होती है
एक इशारा होता है
....
बस
माह बदलने की शुभकामनाएँ
सादर
वाह बहुत ही बेहतरीन लिंक्स एवम प्रस्तुति ...आभार आपका
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति! चिकित्सक दिवस की बधाई! हाँ, आधिकारिक तौर पर पश्चिम बंगाल के पहले मुख्य-मंत्री बिधान बाबू ही थे। १९४७ में आज़ाद होते ही बंगाल बाँट दिया गया था और प्रफुल घोष भारत के हिस्से आनेवाले पश्चिम बंगाल के प्रधान मंत्री (तब पद का यहीं नाम था) बने थे।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति.आभार.
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति! चिकित्सक दिवस की बधाई!
ReplyDeleteआपने बहुत अच्छी भूमिका के साथ चिकित्सक दिवस की बारे में जानकारी दी ,इसके लिए धन्यवाद
मेरी कहानी को अपनी चयनित सूचि में स्थान देने के लिए आभार , प्रतिक्रिया देने में कुछ विलम्ब हो गया :)
सभी रचनाएँ बहुत अच्छी हैं और सभी रचनाकाओं को शुभकामनाएं
आपका आभार