युग पुरुष को सादर नमन
बहन दिव्या ने आमंत्रित किया है
नए चर्चाकार
भाई हर्षवर्धन जोग साहब को
स्वागत है उनका..
आएंगे वह भी पर कब
ये वे ही बताएँगे...
आज का अंक कुछ इस तरह है आज..
महामारी का कोरोना का इलाज है
लोग कर रहे हैं अपना इलाज स्वयं
अपने ही तरीके से
क्या आपने किसी भिखारी को
इस रोग से मरते देखा है
फिर आप भयभीत क्यों हैं
लोग कर रहे हैं अपना इलाज स्वयं
अपने ही तरीके से
क्या आपने किसी भिखारी को
इस रोग से मरते देखा है
फिर आप भयभीत क्यों हैं
आयुर्वेद अपनाइए
और नीरोग रहिए
और नीरोग रहिए
आज बस इतना ही
कल फिर
सादर
कल फिर
सादर
सुन्दर लिंक्स.मेरी कविता शामिल करने के लिए आभार.
ReplyDeleteव्वाहहहह...
ReplyDeleteबढ़िया...
स्वागतम्
सादर..
वाह!शानदार प्रस्तुति ।
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteसभी सुरक्षित रहें, प्रसन्न रहें
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति
ReplyDeleteहमने जोग साहब से ई-मेल आईडी मांगा था
और यह भी कहा था कि चर्चाकार बनिए हमारे यहां
वे आ गए हैे..आभार उनको
अब वे ही बताएँगे कि कब से आएँगे
सादर
बहुत सुंदर संकलन बहुत बढ़िया प्रस्तुति, बहुत बहुत शुक्रिया आपका मेरी रचना को स्थान देने पर।
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