Tuesday, August 4, 2020

436..हिम्मती हैं भारतवासी डरते नहीं है

सादर नमस्कार
राखी गई..कोरोना को साए में
हिम्मती हैं भारतवासी
डरते नहीं है
शरीर भले ही छूट जाए
बहना नहीं छूटनी चाहिए
सख़्त लॉकडाउन के चलते
आवा-गमन जारी रहा
चलिए आज की रचनाएँ देखें
आज तीन अनीता की रचना है...

गर मुहब्बत सहारा नहीं,
दुश्मनी से गुज़ारा नहीं ।

पास अपने बुला लो हमें,
या तो कह दो तुम्हारा नहीं ।

दूरियाँ सह न पायेंगे हम,
तेरे बिन अब गुज़ारा नहीं ।



राम राम बस राम मय,हृदय बसे श्रीराम।
घट घट में जो व्याप्त हैं,कौशलेय हरि नाम।।
दिव्य अलौकिक रूप को,पूजें सब नर नारि
बीज मंत्र के जाप से,पतित पावनी धाम।।


कुछ बुलबुले हवा में गढ़ता
सूनेपन की सिहरन दौड़ाता  
कुछ विचार अधरों पर रखता  
हल्की साँकल की ध्वनि  
अंतस पर मढता प्रभाव लिए लाया है।


कोविड के साये में मनाया है 
राखी का उत्सव इस बार
बचा रहे भाई इस संक्रमण से 
कलाई में बाँधा है रक्षा सूत्र 
 शुभकामना यही देकर हजार बार 
बदले में भाई भी दे रहा यही दुआ 
बहना ! नित मास्क पहनना 


जीवन -
पथ अशेष, उम्र का सफ़र फिर भी
अधूरा, बेशुमार वादे और
असंख्य इंतज़ार,
हथेलियों
में आए सिर्फ़ बादलों का चूरा। ये
कौन है जो आख़री पहर देता
है दस्तक, न ज़मीं, न
कोई आसमां मेरा,
...
बस
कल की कल
सादर

9 comments:

  1. बढ़िया लिंक्स सभी रचनाएं बेहतरीन

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  2. बेहतरीन

    मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार

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  3. बहुत ही सुंदर रचनाओं का समागमः है ।
    मीठी रचना को यहां सतगावां देने जे लिए तहे दिल शुक्रिया ।
    सादर ।

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  4. बेहतरीन प्रस्तुति आदरणीय दी मेरी रचना को स्थान देने हेतु सादर आभार।

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  5. बेहतरीन अंक
    आभार..

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  6. बहुत अच्छी प्रस्तुति

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