Friday, August 9, 2019

78-- टूट-फूट का भी अपना सौंदर्य है

स्नेहाभिवादन ! आज की सांध्यकालीन प्रस्तुति में आप का स्वागत है --
जीना पड़े यादों के सहारे हम इसे ख़ुशी कहते हैं,
 लोग इसे ग़म कहते हैं। क्या औक़ात है
आदमी की ख़ुदा से टकराने की जितने भी किए सितम वक़्त ने,
उनको कम कहते हैं।
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बन न पाया पुल शब्दों का, 
भ्रमित नौका अहसासों की मौन के समंदर में,
खड़े है आज भी अज़नबी से अपने अपने किनारे पर।
 अनछुआ स्पर्श अनुत्तरित प्रश्न अनकहे शब्द अनसुना मौन क्यों
 घेरे रहते अहसासों को और माँगते एक जवाब हर पल तन्हाई में। 
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टूट-फूट का भी अपना सौंदर्य है 
अवशेष अपने आप में काव्य है जिन्हें ज़िंदगी ने ख़ूब तोड़ा है
 क़दम-क़दम पर वे बेहतर समझते है
 जीवन का मर्म ऐसे ही लोगों का एक छोटा सा कुनबा होता है
 जो लोगों की राह के काँटें चुनता है 
औरों का मार्ग प्रशस्त हो इस हेतु श्रम करता है कि वह जानता है
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*क्या किया जाए कुछ समझ नहीं आ रहा था। 
रास्ते से गुजरने वाले वाहनों से गाडी को ''टो'' करने की गुजारिश की गयी पर एक तो बैल गाडी,
 ऊपर से पुरानी, 
कोई भी साथ ले चलने को राजी नहीं हुआ ! इनको नकारा देख, 
साथ के संगी-साथी भी एक-एक कर, जिसको जहां, 
जैसे, जो सुविधा मिली उसे ले, इनको छोड़ आगे बढ़ गए। 
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*कश्मीर* की वादियों में आज सन्नाटा है, 
लेकिन यह सन्नाटा तूफान से पहले का सन्नाटा नहीं है.
 यह शांति तो उस उत्सव की राह देख रही है 
जो आतंकवाद, गरीबी, अलगाव और अशिक्षा को दूर 
करके अमन और खुशहाली के माहौल में वहाँ मनाया जाने वाला है.
 पिछले चार दशकों से जो खून बहा है,
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जिन ज़ख़्मों को ज़माने में इश्क़ के ज़ख़्म कहते हैं 
कसक के हद से बढ़ने को उसका मरहम कहते हैं। 
यही रीत है नज़रों से खेल खेलने वालों की दिल के बदले दर्द देने वाले को सनम कहते हैं। 
पतझड़ को बहार बना देने का दमखम है 
जिसमें उस सदाबहार मौसम को प्यार का मौसम कहते हैं। 
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अनीता सैनी 

9 comments:

  1. सुघड़ और खूबसूरत प्रस्तुति अनीता बहन ! सभी लिंक
    बहुत ही उम्दा हैं ।

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  2. व्वाहहहह..
    बेहतरीन प्रस्तुति..
    आभार..
    सादर..

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  3. बहुत खूबसूरत संकलन। आभार

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  4. वाह बहुत सुन्दर टूट -फुट का भी अपना सौंदर्य है
    संकलन

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  5. वाह खूबसूरत प्रस्तुति।

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  6. लाजवाब मुखरित मौन...
    वाह!!!

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  7. सचमुच मौन मुखरित हुआ उम्दा संकल्न।

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  8. सुंदर संकलन ! मुझे भी सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार !

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  9. सुंदर संयोजन!
    आभार!

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