सादर अभिवादन
जमनदिन हमारा
आज कुछ लोग मना रहे है
कुछ कल मनाएँगे
सभी को अग्रिम आभार
उमर एक वर्ष अऊर बाढ़ गवा
सादर
आज की रचनाएँ....
कुछ अबीर गुलाल
अभी तक हैं मेरे एहसासों में,
इक वासंती स्पर्श उभरती है,
प्रायः मेरी सांसों में,
ये जो पत्ती हरी हुई है, फूल गुलाबी-से
ये चर्चाएं हैं मौसम की और विज्ञापन भी
दौर आज का यक्ष सरीखा 'कैटवॉक' करता
उसके सभी पुरातन में है एक नयापन भी
आज क्यों भीगी अँखियन कोर!
रह-रह कर मन हुआ विकल
डोल रहा हृदय अविचल
सुप्त व्यथाएँ जाग उठीं
करतीं क्रन्दन घोर!
अक्षर की कटारों में
समय की धार लिखें।
छांव के नाम लिखें...
इज़हार-ए-मुहब्बत धूप का।
ज़रूरत आन पड़ी तो...
आग को आधार लिखें।
बंदर और मदारी
दोनो का एक साथ दीदार हुआ जा रहा है
लेकिन
किसने मदारी बदल दिया
और
किसके पास
नया बंदर आ रहा है
इसका अंदाज कोई भी नहीं लगा पा रहा है
इन
सब के बीच
गौर करियेगा जरा
मेरा
सीखा सिखाया हुआ नाच
कितनी बेदर्दी से डुबोया जा रहा है
दिमाग वालों को कम
देखने वालों को ज्यादा
बारीकी से ये सब
समझ में आ जा रहा है ।
.....
बस
कल की कल
सादर
बस
कल की कल
सादर
जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं यशोदा जी।
ReplyDeleteसदा महकते रहें।
सुंदर सांध्य दैनिक।
सुंदर प्रस्तुति।
जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीया यशोदा जी। सभी रचनाएं असाधारण हैं सुन्दर प्रस्तुति व संकलन - - मुझे स्थान देने हेतु असंख्य आभार।
ReplyDeleteसस्नेहाशीष और असीम शुभकामनाओं के संग जन्मदिन की हार्दिक बधाई
ReplyDeleteउम्दा लिंक्स चयन
साधुवाद
जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं यशोदा जी 🌹🌹🌹
ReplyDeleteप्रिय यशोदा जी,
ReplyDeleteआपको आपके शुभ जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं !!!
दीर्घायु हों, कर्मशील रहें और मां सरस्वती की कृपा आप पर सदैव बनी रहे !!!
हमेशा की तरह यह अंक भी बेमिसाल है। मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु हृदय तल से आभार 🙏❤️🙏
आदरणीय यशोदा जी, आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ..आपका श्रमसाध्य कार्य हमें हमेशा प्रोत्साहित करता है और निरंतर प्रेरणा देता है कि कुछ नया सृजित करते रहें..आप स्वस्थ रहें एवं हमें प्रोत्साहित करती रहें..यही ईश्वर से कामना है..सादर सप्रेम जिज्ञासा सिंह..
ReplyDeleteआप सभी को आभार
ReplyDeleteमैं अभी अनाथाश्रम मे हूँ
आइए भोजन करते हैं बच्चों के संग
सादर
जन्मदिन की अशेष शुभकामनाएँ दी
ReplyDeleteसदैव हर्षित रहें और आपके छत्रछाया में हम यूँ ही मार्गदर्शन पाते रहें।
सादर नमन।