Tuesday, February 2, 2021

619 ...भानुमती का खोल पिटारा बाहर आया जिन्न

सादर नमस्कार
कल बजट आया
कहीं कोई परिवर्तन नहीं
कहीं बढ़ा तो कहीं
घटा भी है..
पिसेगा ज़रूर
मध्यम वर्ग
हमेशा की तरह
...
आइए खोले आज का पिटारा....

भानुमती का खोल पिटारा
बाहर आया जिन्न

नचा रहे हैं बड़े मदारी
नाचें छम छम लोग
तर्क पहनता नूतन चोला
कहता उत्तम योग
वायुयान में बैठ विपक्षी
आज हुए हैं खिन्न।।
बाहर आया जिन्न

कल का वो दिन,
आज का ये दिन,
समय गुज़रना भूल गया
अक्षर -अक्षर चुन के मैंने,
मिसरा- मिसरा ख़ूब सिया

खुद को खोना,
खुद को पाना,
विदा स्वयं को कर देना
अपनी ही अगवानी करना,
क्या होता है जान लिया


दो चाय की प्यालियां रखी हैं मेज़ के दो किनारे,
पड़ी सी है बेसुध कोई मरू नदी दरमियां हमारे,

तुम्हारे - ओंठों पे आ कर रुक जाती हैं मृगतृष्णा,
पलकों के आसपास बिखर जाते हों जैसे सितारे,


तेल नौन सब फीके
दाल दूर है थाली से
फोड़ रहा है माथा
जूझ रहा बदहाली से
बढ़ा रेल का भाड़ा
दिल्ली निर्धन पर हँसती।।


कौन किसे पनपने देना चाहता है,
कौन किसी को जगह देगा..
कुछ मुट्ठीभर अपवाद लोगों को छोड़ दीजिए...
बहुत धक्का मुक्की है,
कोई किसी को सहन नहीं करना चाहता...
आपका हुनर और मन साफ रखते हैं
तो मेरी मानिए पीपल हो जाईये...
पीपल से जीवन दर्शन सीखिए..


जो हक़ मांगने को, उठाए वो बांहें
बग़ावत  नहीं हैं, किसानों की बातें।

'शरद' वो नहीं हैं किसी के भी दुश्मन
अदावत नहीं  हैं,  किसानों की बातें।


मिलें हमें अधिकार हमारे,बोलो जी,सरकार कहाँ है ?
फ़र्ज़ निभाने उसको सारे,बोलो जी,सरकार कहाँ है ?

गंदी सड़क,पटा है नाला,बोलो जी,सरकार कहाँ है ?
बरसे एसिड, अम्बर काला, बोलो जी,सरकार कहाँ हैं?

धरती हिलती ,सागर रोया,बोलो जी ,सरकार कहाँ है ?
पर्वत ने अपना धन खोया, बोलो जी ,सरकार कहाँ है ?
....
बस
सादर


9 comments:

  1. आभार
    शुभकामनाएँ
    सादर

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  2. दिग्विजय अग्रवाल जी,
    आभारी हूं कि आपने मेरी ग़ज़ल को "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" शामिल किया है। यह मेरे लिए सुखद है। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद 🌹🙏🌹
    - डॉ शरद सिंह

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  3. बहुत अच्छी लिंक्स को संजोया है आपने।
    साधुवाद 🌹🙏🌹

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  4. आदरणीय दिग्विजय अग्रवाल जी,
    समसामायिक मुद्दों से लैस लिंक्स बेमिसाल हैं।
    मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार 🙏
    सादर,
    डॉ. वर्षा सिंह

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  5. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर

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  6. उम्दा लिंक्स।

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  7. बहुत आभार... आपका...। सभी अच्छी रचनाएं...

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