सादर अभिवादन
कल शहर घूमने की प्रबल इच्छा ने
हमें बीमार कर दिया
शाम तक सभी से मुलाकात करके
वापस आए..
आज की रचनाएँ..
महाभारत का युद्ध और माँ ...कुमार कृष्ण
रविवार को बचाकर रखना चाहती है सिर्फ अपने लिए
वह देख सके इतमिनान से महाभारत का युद्ध
माँ को समझ नहीं आती बड़ी-बड़ी बातें
बहुत खुश नजर आती है माँ जब-
एक-एक के मरते हैं कौरव
पांचाली के चीर हरण पर-
बहुत जोर-जोर से रोती है माँ।
रामलीला में परशुराम ..कविता रावत
ऐ मूढ़ जनक तू सच बतला, ये धनुवा किसने तोड़ा है।
इस भरे स्वयंवर में सीता से नाता किसने जोड़ा है।
जल्दी उसकी सूरत बतला, वरना चैपट कर डालूँगा।
जितना राज्य तेरा पृथ्वी पर, उलट-पुलट कर डालूँगा।
मेरे इस खूनी फरसे ने खून की नदिया बहाई है।
इस आर्य भूमि में कई बार, क्षत्राणी विधवा बनाई है।
पर तन का अनुराग प्रबल है ...पवन
युगों युगों की एक कहानी
तृष्णा मन की बहुत पुरानी
प्राणों की है प्यास बुझाना,
लेकिन नए स्वाद भी पाना
पतन हुआ था जिसको पाकर, मांगे वही स्वर्ग का फल है ।
मन कब का बैरागी होता पर तन का अनुराग प्रबल है।
"क रोना" का शर्तिया ग्यारंटेड ईलाज ...बाबाश्री ताऊ महाराज
कुछ पति भी पत्नियों पर अत्याचार कर रहे हैं जिसकी वजह से पुलिस भी परेशान है. अब पुलिस लोक डाऊन को मैनेज करे या इन खूसट पतियों की खबर ले? चारों तरफ़ हालत बहुत ही नाजुक और दयनीय हैं.
आपको इन कष्टों से छुटकारा दिलाने के लिये बाबाश्री ताऊ महाराज ने अचूक उपाय खोज निकाले हैं. और कोरोना के लोक डाऊन को देखते हुये आपको बाबाश्री के पास आने की आवश्यकता भी नहीं है बल्कि मोबाईल पर ही आपका ग्यारंटेड इलाज उपलब्ध करवा दिया जायेगा.
उलझन किशोरावस्था की ....सुधा देवरानी
सुनो माँ अब तो बात मेरी
और आर करो या पार!
छोटा हूँ तो बचपन सा लाड दो
हूँ बडा़ तो दो अधिकार !
टीवी मोबाइल हो या कम्प्यूटर
मेरे लिए सब लॉक
थोड़ी सी गलती कर दूँ तो
सब करते हो ब्लॉक
कलयुग का काँटा ...पुरुषोत्तम सिन्हा
इस अरण्य में, बरगद ना बन पाया,
काँटा ही कहलाया,
कुछ तुझको ना दे पाया,
सूनी सी, राहों में,
रहा खड़ा मैं!
..
अब बस
कल की कल
सादर
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
कल शहर घूमने की प्रबल इच्छा ने
हमें बीमार कर दिया
शाम तक सभी से मुलाकात करके
वापस आए..
आज की रचनाएँ..
महाभारत का युद्ध और माँ ...कुमार कृष्ण
रविवार को बचाकर रखना चाहती है सिर्फ अपने लिए
वह देख सके इतमिनान से महाभारत का युद्ध
माँ को समझ नहीं आती बड़ी-बड़ी बातें
बहुत खुश नजर आती है माँ जब-
एक-एक के मरते हैं कौरव
पांचाली के चीर हरण पर-
बहुत जोर-जोर से रोती है माँ।
रामलीला में परशुराम ..कविता रावत
ऐ मूढ़ जनक तू सच बतला, ये धनुवा किसने तोड़ा है।
इस भरे स्वयंवर में सीता से नाता किसने जोड़ा है।
जल्दी उसकी सूरत बतला, वरना चैपट कर डालूँगा।
जितना राज्य तेरा पृथ्वी पर, उलट-पुलट कर डालूँगा।
मेरे इस खूनी फरसे ने खून की नदिया बहाई है।
इस आर्य भूमि में कई बार, क्षत्राणी विधवा बनाई है।
पर तन का अनुराग प्रबल है ...पवन
युगों युगों की एक कहानी
तृष्णा मन की बहुत पुरानी
प्राणों की है प्यास बुझाना,
लेकिन नए स्वाद भी पाना
पतन हुआ था जिसको पाकर, मांगे वही स्वर्ग का फल है ।
मन कब का बैरागी होता पर तन का अनुराग प्रबल है।
"क रोना" का शर्तिया ग्यारंटेड ईलाज ...बाबाश्री ताऊ महाराज
कुछ पति भी पत्नियों पर अत्याचार कर रहे हैं जिसकी वजह से पुलिस भी परेशान है. अब पुलिस लोक डाऊन को मैनेज करे या इन खूसट पतियों की खबर ले? चारों तरफ़ हालत बहुत ही नाजुक और दयनीय हैं.
आपको इन कष्टों से छुटकारा दिलाने के लिये बाबाश्री ताऊ महाराज ने अचूक उपाय खोज निकाले हैं. और कोरोना के लोक डाऊन को देखते हुये आपको बाबाश्री के पास आने की आवश्यकता भी नहीं है बल्कि मोबाईल पर ही आपका ग्यारंटेड इलाज उपलब्ध करवा दिया जायेगा.
उलझन किशोरावस्था की ....सुधा देवरानी
सुनो माँ अब तो बात मेरी
और आर करो या पार!
छोटा हूँ तो बचपन सा लाड दो
हूँ बडा़ तो दो अधिकार !
टीवी मोबाइल हो या कम्प्यूटर
मेरे लिए सब लॉक
थोड़ी सी गलती कर दूँ तो
सब करते हो ब्लॉक
कलयुग का काँटा ...पुरुषोत्तम सिन्हा
इस अरण्य में, बरगद ना बन पाया,
काँटा ही कहलाया,
कुछ तुझको ना दे पाया,
सूनी सी, राहों में,
रहा खड़ा मैं!
..
अब बस
कल की कल
सादर
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
व्वाहहहह
ReplyDeleteउत्तम...
सादर..
आभार मेरी ब्लॉगपोस्ट शामिल करने हेतु
ReplyDeleteशानदार प्रस्तुति उम्दा लिंक्स....
ReplyDeleteमेरी रचना सम्मिलित करने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद
सादर आभार।
वाह बेहतरीन अंक
ReplyDeleteवा बहुत ही खुबसूरत
ReplyDeleteमेरी रचना का शीर्षक .... अति आनन्द दायक अनुभूति दे रही है।
ReplyDeleteसमस्त रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएँ ।
बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति ।
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