गूगल के इस डूडल को क्लिक करते ही एक वीडियो
(Thank you doctors, nurses and all healthcare workers) खुलता है. इस वीडियो में अलग-अलग डॉक्टर लोगों को सलाह देते नजर आ रहे हैं. वो कहते हैं, 'यह समय है, एक देश के रूप में
एकजुट होने का, शांत रहने का. आपके परिवार और
देश का बचाव सिर्फ आपके हाथ में है.
......
आज लॉकडाउन का अंतिम दिन
हमारे छत्तीसगढ़ के महानायक
माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश जी बघेल
किसी भी किस्म का खतरा
मोल नहीं लेना चाहते..
(Thank you doctors, nurses and all healthcare workers) खुलता है. इस वीडियो में अलग-अलग डॉक्टर लोगों को सलाह देते नजर आ रहे हैं. वो कहते हैं, 'यह समय है, एक देश के रूप में
एकजुट होने का, शांत रहने का. आपके परिवार और
देश का बचाव सिर्फ आपके हाथ में है.
......
आज लॉकडाउन का अंतिम दिन
हमारे छत्तीसगढ़ के महानायक
माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश जी बघेल
किसी भी किस्म का खतरा
मोल नहीं लेना चाहते..
आज की रचनाएँ...
देशबन्दी के कारण स्वाभाविक रूप से
मित्रों की सक्रियता सोशल नेट्वर्किंग
साइट्स पर बढ़ गयी और और
फेसबुक का तो कहना ही क्या।
मैं इस ब्लॉग पर अपने मित्रों द्वारा
साझा किये गए स्टेटस को सहेज कर
यहाँ ब्लॉगजगत के पाठकों के लिए ले आता हूँ।
इस बहाने से फेसबुक और ब्लॉगिंग के
बीच एक सेतु भी बन जाता है
और मेरे मित्रों के साझा किये हुए
स्टेटस हमेशा के लिए मेरे पास सुरक्षित भी हो जाते हैं।
आइये देखते पढ़ते हैं कि वे इन दिनों क्या लिख कह रहे हैं ;
कवि बदल सकता है कमीज़
हर बार मौसम की अनुकूलता के समान
ताप सहता है तो ठिठुरता भी है
निकाल लेता है छतरी मानसून से पहले
पर कविता होती ही है बड़ी ढीठ
लिखे गए भाव से न पढ़ी गई गर
तो कर ही डालती है अर्थ का अनर्थ,
चक्र संकल्पना ...मुकेश सिन्हा
योग साधना की
चक्र संकल्पना पर
शरीर में अवस्थित
मेरु दंड के हाई वे पर
आधार से माथे तक
दौड़ते भागते
शिराओं
धमनियों
तंत्रिकाओं
में स्थित ऊर्जा बिन्दु
सच्चे समाज सेवक ....व्याकुल पथिक
" अंकल ! यह लें मेरा गुल्लक और इसमें जो भी रूपये हैं, उसे प्रधानमंत्री मोदी को कोरोना से जंग के लिए दे दें।"
बालिका के इतना कहते ही ये अफ़सर अचम्भित से रह गये थे ; क्योंकि उसने यह भी बताया था कि पूरे एक वर्ष से वह इस गुल्लक में साइकिल खरीदने के लिए पैसा एकत्र कर रही थी। अधिकारियों ने गिनती की तो गुल्लक में चार हजार तीस रूपये मिले ।
घर को लौटे लोग ...रश्मि प्रभा
त्राहिमाम के आगे वही घर आया,
जिसे सबने छोड़ दिया था,
घर के खाने से मुंह फेरकर
बाहर के खाने में स्वाद ढूंढने लगे थे ।
आज डर ने घर दिया है
सबको मिलजुलकर रहने का मौका दिया है
कच्ची अधसिंकी रोटी में स्वाद दिया है
आज बस
कल फिर
सादर
चक्र संकल्पना ...मुकेश सिन्हा
योग साधना की
चक्र संकल्पना पर
शरीर में अवस्थित
मेरु दंड के हाई वे पर
आधार से माथे तक
दौड़ते भागते
शिराओं
धमनियों
तंत्रिकाओं
में स्थित ऊर्जा बिन्दु
सच्चे समाज सेवक ....व्याकुल पथिक
" अंकल ! यह लें मेरा गुल्लक और इसमें जो भी रूपये हैं, उसे प्रधानमंत्री मोदी को कोरोना से जंग के लिए दे दें।"
बालिका के इतना कहते ही ये अफ़सर अचम्भित से रह गये थे ; क्योंकि उसने यह भी बताया था कि पूरे एक वर्ष से वह इस गुल्लक में साइकिल खरीदने के लिए पैसा एकत्र कर रही थी। अधिकारियों ने गिनती की तो गुल्लक में चार हजार तीस रूपये मिले ।
घर को लौटे लोग ...रश्मि प्रभा
त्राहिमाम के आगे वही घर आया,
जिसे सबने छोड़ दिया था,
घर के खाने से मुंह फेरकर
बाहर के खाने में स्वाद ढूंढने लगे थे ।
आज डर ने घर दिया है
सबको मिलजुलकर रहने का मौका दिया है
कच्ची अधसिंकी रोटी में स्वाद दिया है
आज बस
कल फिर
सादर
बहुत खूब आदरणीया 👌👌
ReplyDeleteबहुत खूब आदरणीया 👌👌
ReplyDeleteसर्मप्रथम जलियाँवाला बाग के शहिदों को अश्रुपूरित श्रद्धाँजलि। आज ही के दिन 13अप्रैल सन्1919 को बैसाखी पर्व पर रौलेट एक्ट का विरोध करने के लिये स्वर्ण मंदिर के पास स्थित बाग में सभा बुलायी गयी, क्योंकि अंग्रेज सरकार ने दमन के लिए मार्शल ला लगा दिया और आंदोलन के नेता डा०सैफुद्दीन किचलू- डा० सत्यपाल को गिरफ्तार कर लिया। नेताओं की गिरफ्तारी से नाराज़ लोग बड़ी संख्या में बाग में जमा हो गये और शांतिपूर्ण सभा शुरू की। यह बात जनरल डायर को नागवार लगी कि ये लोग इतनी सख्ती के बाद भी डरे नहीं। वह सैनिकों का एक दस्ता लेकर जलियाँवाला बाग पहुँचा और घेर कर गोली चलवायी। जिसमें सैकड़ों शहीद हुये। इस जघन्य हत्याकांड ने स्वतंत्रता आंदोलन की गति और दिशा दोनों बदल दी।
ReplyDelete💐💐💐
पटल पर श्रेष्ठ रचनाओं के बीच मेरे लेख
सच्चे समाज सेवक को स्थान देने के लिए आपका आभार भैया जी।
बड़ी हैरत अंगेज़ बात पता चली कि गाँधीजी जनरल डायर पर मुकदमा चलाने के विरुद्ध थे।
Deleteसुंदर संकलन।
ReplyDeleteपोस्ट को मान व् स्थान देने के लिए आभार और शुक्रिया
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