सप्रेम वन्दे
.....
आज 23 अप्रैल
विश्व पुस्तक दिवस
एक अजीब सी पोस्ट दिखी कि जर्मनी ने
.....
आज 23 अप्रैल
विश्व पुस्तक दिवस
23 अप्रैल 1564 को एक ऐसे लेखक ने दुनिया को अलविदा कहा था, जिनकी कृतियों का विश्व की समस्त भाषाओं में अनुवाद हुआ। यह लेखक था शेक्सपीयर। जिसने अपने जीवन काल में करीब 35 नाटक और 200 से अधिक कविताएं लिखीं। साहित्य-जगत में शेक्सपीयर को जो स्थान प्राप्त है उसी को देखते हुए यूनेस्को ने 1995 से और भारत सरकार ने 2001 से इस दिन को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
.....
और आज
और आज
एक अजीब सी पोस्ट दिखी कि जर्मनी ने
चीन को 130 बिलियन पौंड का बिल
कोरोना वायरस के लिये भेजा है
जिससे बीजिंग में सरसराहट शुरू हो गई है
क्या यही विश्वयुद्ध की शुरुआत है,
और इस डिबेट मे फेसबुक के सदस्य और कतिपय
ब्लॉगर भी शामिल है
तसल्ली कर लीजिए
क्या यही विश्वयुद्ध की शुरुआत है,
और इस डिबेट मे फेसबुक के सदस्य और कतिपय
ब्लॉगर भी शामिल है
तसल्ली कर लीजिए
अब रचनाओं की ओर...
पकवानों ने
खिड़की से झांक कर
सड़क पर चलती भूख को कोसा।
भूख ने ईश्वर से कहा
मरने से पहले घर पहुंचा देना।
* * *
तस्वीरें डालकर
अघाये हुए पकवान
इस सोच में गुम थे
कि नया क्या किया जाए।
दुकानें बंद हैं अब शहर भर में
निज़ाम-ए-ज़िंदगी बदला हुआ है
हुए हैं क़ैद अपने ही घरों में
कि दुश्मन का अजब ये पैंतरा है
अजब ये जंग-ए-पोशीदा है इस को
घरों में बंद हो कर जीतना है
पाया है कि
टूटे हो तुम
हर सफर में,
'उस ' से हो
खुद तक पहुंचने की
हर एक कोशिश में
सच है कि
तुम्हारे आसमां में
अब नहीं कोई
चांद न सूरज न तारा
सदी को पल में रौंदने वालों ! ..
है सवेरा एक .. शाम एक
प्यार का पैगाम एक ..
फाल्गुन तो कभी रमज़ान कहते हैं।
ख़ुशी आज़ादी का फहरा कर
तिरंगा मनाता है सारा शहर
पर ख़ून से तराबोर सन्नाटे सारे,
सारे सच बयान करते हैं।
ख़ुशनुमा मौसम में भी पतझड़ होगया हूँ!
आँसुओं को छुपाते छुपाते पत्थर होगया हूँ!!
अच्छा बुरा होता नही दुनियाँ में कोई यारों!
हर जितने वाला समझता सिकन्दर हो गया हूँ!!
आज बस
कल देखते है
यदि कल दिखी तो आएंगे
आज बस
कल देखते है
यदि कल दिखी तो आएंगे
बेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteशुभकामनाएँ
सादर..
सुन्दर प्रस्तुति, हार्दिक धन्य वाद हमारी रचना को शामिल करने के लिए
ReplyDeleteविश्व पुस्तक दिवस ... आज की अनूठी प्रस्तुति ... जिसमें मेरी रचना/विचार .. हार्दिक आभार आपका ..
ReplyDelete