भारतवर्ष में आज कर्फ्यू दिवस
छत्तीसगढ़ 31 मार्च तक लॉक घोषित
दफ़ा 302 लग गई रे
हत्यारे कोरोना पर
हत्यारे कोरोना पर
कई मुंह कई बातें
कोई कहता ये रासायनिक युद्ध है
क्या रसायन से वार करने वाला खुद
अपने उपर भी हमला कर लेता है
सोच से परे है
बेचारा चमगादड़ मरे है
ईश्वर ने जिसके हिस्से में
जितनी सांसे लिखी है
उसे उससे ज़ियादा तो मिलने रही
ये नामुराद 2020 मनहूस सिद्ध हो रहा है
...
आज की रचनाएँ वही है जो आप पढ़ते आ रहे हैं
टॉपिक एक मिला नहीं कि सारे उसी टॉपिक
पर लिखने लगते हैं...कोशिश कर रहे हैं कि
उसे उससे ज़ियादा तो मिलने रही
ये नामुराद 2020 मनहूस सिद्ध हो रहा है
...
आज की रचनाएँ वही है जो आप पढ़ते आ रहे हैं
टॉपिक एक मिला नहीं कि सारे उसी टॉपिक
पर लिखने लगते हैं...कोशिश कर रहे हैं कि
कुछ नया परोसें...
जितना हो सकता हो दूरियां बनाइये
मुख से न कहके बात नयन से जताइये
घबराइये न दिल को दिलासा दिलाइये
विपदा की घड़ी में भी बस मुस्कुराइये
एक दरिंदा जो इसी इलाके का हिस्ट्रीशीटर था। उसने इन चारों में से सबसे ख़ूबसूरत तवायफ़ को हिदायत दे रखी थी कि वह सिर्फ़ उसकी है। जिसके प्रतिउत्तर में तवायफ़ ने इतना ही कहा था-- उनके धंधे में सारे ग्राहक एक जैसे हैं और वे अपने सौदे में मिलावट नहीं किया करती हैं । इसी से नाराज वह युवक रात में छत की मुंडेर पर चढ़कर तेजाब फेंककर भाग गया था।
मौत का डर
इतना जरूरी होता है..!
मनुष्य घरों में रहने लगे हैं।
बहुत सालों से खबर थी
अब जब भी विश्व युद्ध होगा
जीवाणुओं से लड़ी जाएगी।
एक अनूठी रचना
शैह्रे दिया इसा दौड़-धुप्पा च
गुआची गिया कुत्थु मेरा ग्रां,
तोपी तोपी थकी ईया मन मेरा,
पर मिला नीं मिंजो मेरा ग्रां।
कुत्थी ता मिलगी कोई ठंडी छां।
...
दो दिन हम चेन्नई से कनेक्टेड थे
जानकारियां दे और ले रहे थे
कोई खास नहीं अपने आप को बचाना है
इस वायरस से...
दो दिन हम चेन्नई से कनेक्टेड थे
जानकारियां दे और ले रहे थे
कोई खास नहीं अपने आप को बचाना है
इस वायरस से...
बस..
कल फिर
सादर
कल फिर
सादर
जीवन में प्रथम बार स्वेच्छा से इस प्रकार का जनता कर्फ़्यू देख है, इस समय ताली और थाली बज रही है। कोई घंटा बजा रहा, तो कोई शंखनाद कर रहा है , कुछ युवक बिजली का खम्भा , टीन का चादर पर अपना जोश दिखा लिखा रहे।
ReplyDeleteहालाँकि क्षेत्र विशेष में कुछ लोग इसे ढकोशला बता रहे हैं, परंतु जो भी हो, उत्साहजनक वातावरण है, दिनभर के सन्नाटे के पश्चात ।
मेरे सृजन को पटल पर स्थान देने केलिए आभार यशोदा दी।
यह एक सत्यकथा है।
सभी रचनाकारों को प्रणाम।
सस्नेहाशीष व असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार छोटी बहना
ReplyDeleteबहुत बड़ी आपदा की घड़ी है
बस टल जाए तो शायद सभी देश आगे के लिए सचेत हो सकें
जितनी मुँह उतनी बातें.. नजरिया भी अलग-अलग.. पता नहीं कितना झूठ है.. अगर सच है तो भयावह है
"खबर है कि चीन अपनी आबादी कम करना चाहता था..,"
इस घोर संकट की घडी में सभी स्वस्थ व सुरक्षित रहें, तथा यथासंभव दूसरों का भी ख्याल रखें !
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