जोग लिखि रायपुर से यशोदा अग्रवाल का
नमस्कार के लिखना समाचार ये है कि
चीन से निकला विषाणु काबू में है
हमारे भारत में इसके फैलाव की संख्या नगण्य है
हमारे भारत के नागरिकों को उनकी नासमझी के वजह
और अफवाहों के कारण इस विषाणु
नमस्कार के लिखना समाचार ये है कि
चीन से निकला विषाणु काबू में है
हमारे भारत में इसके फैलाव की संख्या नगण्य है
हमारे भारत के नागरिकों को उनकी नासमझी के वजह
और अफवाहों के कारण इस विषाणु
को हौव्वा बना दिया गया है
आप सभी से नम्र निवेदन कि
आप सभी अपने आस-पास गंदगी न फैलाएँ
बार-बार हाथ धोते रहें, नाक और मुंह को
आप सभी से नम्र निवेदन कि
आप सभी अपने आस-पास गंदगी न फैलाएँ
बार-बार हाथ धोते रहें, नाक और मुंह को
ढंककर रखें, शुद्ध और ताजा भोजन करें
ध्यान रखें बचाव ही इसकी चिकित्सा है
...
अब आज की रचनाओं की ओर...
ध्यान रखें बचाव ही इसकी चिकित्सा है
...
अब आज की रचनाओं की ओर...
हैं कहीं, कोहरे सी जमीं?
या फिर, धुंधलाने लगा है जरा सा!
पारदर्शी सा, ये शीशा!
कुछ भी, पहले सा नहीं!
पटल वही, दृश्य वही, साँसें हैं वही!
कुछ, नया भी तो नहीं!
हम हमेशा भूल जाते हैं,
हमारे ऊपर भी कोई दिव्य शक्ति है,
जो हमें हमारी गलतियों की
कभी भी सजा दे सकती है,
और आज़ दे भी रही है।
प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा
आज़ हम सबके सामने है।
अपनी सभ्यता-संस्कृति
भूलने और गलत
खान-पान का नतीजा सामने है।
एक अकेली मत चलो
आपस में तुम मत लड़ो
छा सकती हो तुम दुनिया पर
जब चला दो झुण्ड में तीर कमान से
कारवां होने लगा छोटा
नर नारी की जातका
कन्या को भी जन्म दो
और समूह बनाओ उनका तुम सम्मान से
नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैं
क़रीब उनके आने के दिन आ रहे हैं
जो दिल से कहा है जो दिल से सुना है
सब उनको सुनाने के दिन आ रहे हैं
अभी से दिल-ओ-जाँ सरे-राह रख दो
के लुटने लुटाने के दिन आ रहे हैं
मेरा बेहतर
नहीं मेरा बेहतर
मेरे वाले को मानो
नहीं मेरे वाले को जानो
वह चिल्ला रहा है
वह दहाड़ रहा है
वह चिंघाड़ रहा है
खून की नदिया बहा रहा है
नफरत की आग लगा रहा है
....
अब बस
कल फिर
सादर
....
अब बस
कल फिर
सादर
रायपुर से आनेवाली बेहतरीन राय के साथ सुंदर रचनाओं का आभार और शुभकामनाएं!!!
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार यशोदा जी।
ReplyDeleteसुखद सूचनाएं.
ReplyDeletePM का संदेश भी अच्छा था.
और ये अंक भी अच्छा है.
सुन्दर संदेश देती पोस्ट। आपने सही कहा हमे संयम से काम लेना है और सरकार के साथ पूरा योगदान देना है। इस विषाणु को फैलने से रोकना है। बहुत अच्छी प्रस्तुति। मेरी रचना को सांध्य दैनिक मुखरित मौन में जगह देने के लिए आभार।
ReplyDeleteसामायिक जागरूकता पैदा करने वाले संदेश के साथ सार्थक भूमिका।
ReplyDeleteसभी रचनाकारों को बधाई।