तितली झुक कर फूल पर,
कहती है आदाब
सीने में दिल की जगह,
रक्खा लाल गुलाब
जब से होठों ने छुए,
तेरे होंठ पलाश
उस दिन से ही हो गई,
अम्बर जैसी प्यास
आज होली की शाम
प्यासों के नाम...
उम्मीद है आप सभी ने सूखी होली खेली होगी
आज के इस अंक में कुछ फिल्मी होली के कुछ गीत है
रचनाओं की तरफ भी ध्यान दें...
आज तुम उदास क्यों? ...
पूनम के चाँद आज तुम उदास क्यों...?
दुखी दुखी से हो धरा के पास क्यों.....?
फाग के रंग भी तुमको न भा रहे,
होली हुड़दंग से क्यों जी चुरा रहे ?
धरा के दुख से हो इतने उदास ज्यों !
दुखी दुखी से हो धरा के पास क्यों ?
मुस्कुराइए, ठहाके लगाइए ...
गांव से नये-नये आये नौकर को पानी का गिलास यूं
ही हाथ में उठा कर लाते देख
संताजी चिल्लाए,
अरे गधे पानी कहीं इस तरह लाया जाता है ?
नौकर ने घबडा कर पूछा,
फिर कैसे लाऊं, मालिक ?
संताजी बोले, प्लेट में रख कर लाओ।
सहमा हुआ नौकर,
मालिक चम्मच भी लाऊं या
ऐसे ही चाट लेंगे ?
आज सखी खेलें होली ...
प्रीत से बनाएँ जग रंगीला।
छटा सुनहरी नीला-पीला।
खुशियों से भर लें झोली, मिलजुलकर।
मिलजुलकर आज खेलें होली, मिलजुलकर।
मतवाला दिन आया ....
देखो मतवाला दिन आया
बिखरे होली के रंग गलियों में
टेसू फूले ,गुलाब महके
उडी भीनी पुष्प गंध गलियों में
....
आज बस
कल फिर
सादर
आज तुम उदास क्यों? ...
पूनम के चाँद आज तुम उदास क्यों...?
दुखी दुखी से हो धरा के पास क्यों.....?
फाग के रंग भी तुमको न भा रहे,
होली हुड़दंग से क्यों जी चुरा रहे ?
धरा के दुख से हो इतने उदास ज्यों !
दुखी दुखी से हो धरा के पास क्यों ?
मुस्कुराइए, ठहाके लगाइए ...
गांव से नये-नये आये नौकर को पानी का गिलास यूं
ही हाथ में उठा कर लाते देख
संताजी चिल्लाए,
अरे गधे पानी कहीं इस तरह लाया जाता है ?
नौकर ने घबडा कर पूछा,
फिर कैसे लाऊं, मालिक ?
संताजी बोले, प्लेट में रख कर लाओ।
सहमा हुआ नौकर,
मालिक चम्मच भी लाऊं या
ऐसे ही चाट लेंगे ?
आज सखी खेलें होली ...
प्रीत से बनाएँ जग रंगीला।
छटा सुनहरी नीला-पीला।
खुशियों से भर लें झोली, मिलजुलकर।
मिलजुलकर आज खेलें होली, मिलजुलकर।
मतवाला दिन आया ....
देखो मतवाला दिन आया
बिखरे होली के रंग गलियों में
टेसू फूले ,गुलाब महके
उडी भीनी पुष्प गंध गलियों में
....
आज बस
कल फिर
सादर
व्वाहहहह....
ReplyDeleteलाजवाब फिल्मी नगमें भी
बेहतरीन...
सादर..
बहुत सुंदर प्रस्तुति होली सी रंगीन मनभावन।
ReplyDeleteरंगोत्सव की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर होली के रंगों सा रंगीन मुखरित मौन
ReplyDeleteसभी उत्कृष्ट रचनाओं संग मेरी रचना को स्थान देने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी!
होली की अनन्त शुभकामनाएं।
सुंदर अंक आदरणीय दीदी, मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार। सभी को होली की हार्दिक शुभकामनायें बधाई 🙏🙏🙏🌹🌹
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