Wednesday, March 4, 2020

284..मैं कुत्ता होता तो क्या वफादार होता ? ये अलग प्रश्न है

सादर अभिवादन
बच्चों की परीक्षाएँ
भैय्या भाभी की याद
प्रतीक्षा है परीक्षा के समापन की
ताजा होंगी यादें
...
चलिए चलें...

कामिनी जी ने भारी मन से याद किया..
अब के बरस भेज भईया को बाबुल
सावन ने लीजो बुलाय रे
लौटेंगी जब मेरे बचपन की सखियाँ 
दिजो संदेशा भिजाय रे

पुरुषोत्तम जी को हुआ एक अहसास
प्रतिध्वनि ...

गूंज सुनो ना, तुम इस धड़कन की!
रह-रह, ये कुछ कहती है,
या, चुप ही रहती है!

बेसुर हैं, इसकी एहसासों के स्वर!
रह-रह, चुप सी रहती है,
या, कुछ कहती है!

आगामी रविवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है
निधि जी याद कर रही हैं पिता को
पिता परिवार की धुरी

परिवार की धुरी का एक पहिया है पिता,
जो कभी रुकता नही है।

रहता हमेशा चलायमान,
जो कभी थकता नही है।

अनुराधा जी की कहानी में 
बेटियों की महत्व बताती कामवाली
लक्ष्मी आई है ...

"तोहार बहू को यहाँ पास के दवाखाने लेकर आए हैं!दर्द उठ गए हते अम्मा!लक्ष्मी आ गई है घरे अम्मा!तू ओकरे पास चलवू?"
"अरे यह तो बहुत बुरो हो गओ, एक पहले ही हती,अब जै दूसर भी मोड़ी! तोसे पहले ही कहत रहे रघुआ!जँचिया करवा लेओ,अब भुगतो!"
"ऐ अम्मा कइसन बतिया करत हो!तोहरे भी तीन-तीन मोड़ा है?एकऊ पूछत है का? हम तोहार गाँव के हैं,तासे तुमाई सुध लेत रहत है!"
"गंगा काकी को देखत हो कभी?एकउ बिटवा नहीं, फिर भी शान देखो!बिनकी बिटिया कौनऊ चीज की कमी नहीं होन देत!"

लोगों की आदत हो गई है ताड़ बनाने की
श्रीमती अजित गुप्‍ता
अटकलें ही शेष हैं
मोदीजी के कहा कि मैं एक दिन के लिये रविवार को सोशल मीडिया एकाउंट छोड़ूगा तो अटकलों का बाजार गर्म हो गया। जितनी सनसनी फैला सकते थे, जितने कयास लगा सकते थे, सारे ही कयास और सनसनी फैलाकर देख ली। फिर आया मोदी जी का जवाब कि एक दिन महिलाओं के नाम रहेगा उनका सोशल मीडिया! अब! चारों तरफ निराशा! लोग कह रहे हैं कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया!

चलते - चलते
उलूक का पुराना पन्ना

कुत्ता हिन्दू
नहीं होता है
कुत्ता मुस्लिम
नहीं होता है
कुत्ता क्षत्रिय
नहीं होता है
कुत्ता ब्राह्मिन
नहीं होता है
और तो और
कुत्ते का
रिसरवेशन
नहीं होता है

काश !
कुत्ता होता मैं

और
मुहावरा होता

कुत्ते का आदमी
वफादार होता है ।



आज बस
कल फिर
सादर











7 comments:

  1. तहे दिल से शुक्रिया दी ,ये मेरी कोई रचना नहीं थी दी ,ये मेरे मन के भाव थे ,आपने इसे सिर्फ साझा ही नहीं किया ,साथ ही साथ उस हृदयस्पर्शी गीत को भी सुनवाया, ये करने की मैंने कोशिश तो की थी पर कर नहीं पाई थी,इस गीत को सुनाकर आपने मुझे अभिभूत कर दिया दी ,हृदयतल से आभार आपका दी ,सादर नमस्कार

    ReplyDelete
  2. बहुत सुंदर लिंक्स, बेहतरीन रचनाएं, मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार यशोदा जी।

    ReplyDelete
  3. वाह बहुत प्यारा और भावनाओं से रंगा सुंदर अंक आदरणीय दीदी | सखी कामिनी के लेख ने भावुक कर दिया तो दूसरी रचनाओं ने मन मोह लिया | सभी को आभार और शुभकामनाएं |

    ReplyDelete