सादर अभिवादन
हिन्दी महीने की 10 तारीख
यानी पितृ-पक्ष के पाँच दिन और
क्या पितर आते हैं भोजन करने
पौराणिक मान्यताएं हैं
निभा लेते हैं कुछ साल और
फिर नई पीढ़ी क्या करेगी
ये ढकोसले..
बहरहाल चलें रचनाओं की ओर...
हिन्दी महीने की 10 तारीख
यानी पितृ-पक्ष के पाँच दिन और
क्या पितर आते हैं भोजन करने
पौराणिक मान्यताएं हैं
निभा लेते हैं कुछ साल और
फिर नई पीढ़ी क्या करेगी
ये ढकोसले..
बहरहाल चलें रचनाओं की ओर...
है
जंग
जिंदगी
दुखदायी
स्वार्थों से बंधी
विवादों में फंसी
उलझनों से घिरी।
दिल कहता है
तुम लिखो
फूल, पत्तों, परिंदों, प्रेम की बात
दिमाग़ कहता है
लिखो तकलीफ़
लिखो भीड़ में घिरने की बात
लिखो 'एनआरसी'
के पन्नों में छिपे नश्तरों को
एक सदी से प्रतीक्षा कर रही हूँ !
कुछ उधड़ी परतें सिल चुकी हूँ!
कुछ सिलनी बाकी है!
कई- कई बार सिल चुकी हूँ पहले भी !
फिर भी दोबारा सिलना पड़ता है !
जहाँ से पहले शुरू किया था,
मैं देखता हूँ,
ठहरता हूँ
सोचता हूँ
फिर चलने लगता हूँ,
सोचकर कि मुझे क्या,
दर्पण, तू लोगों को
आईना दिखाता है
बड़ा अभिमान है तुम्हें
अपने पर ,कि
तू सच दिखाता है।
आज तुम्हे दर्पण,
दर्पण दिखाते हैं!
वो
कहते हैं
तुम
सो रहे हो
हमें
वो
सोये
हुऐ से
नजर
आते हैं
....
आते हैं कल फिर कल
यशोदा
....
आते हैं कल फिर कल
यशोदा
आभार यशोदा जी मौन में 'उलूक' के हल्ले को जगह देने के लिये। सुन्दर अंक।
ReplyDeleteआ0 आभार
ReplyDeleteदर्पण को स्थान देने के लिये
लाजवाब संकलन
आपने ठीक ही कहा की आने वाले दिनों में नयी पीढ़ी के लिये ये सब ढकोसले होंगे। उनको तो दिखावटी, सजावट और मिलावट अधिक पसंद है। मदर डे ,फादर डे, ग्रैंड फादर डे, डॉटर डे ,फ्रेंडशिप डे और भी न जाने किस-किस की तारीख याद रहती है , क्योंकि सोशल मीडिया पर यह उनके जेंटलमैन होने का विशेष पहचान है।
ReplyDeleteलेकिन, मुझे याद है कि मेरे शिक्षक माता-पिता जब पितृपक्ष पर उस छोटी सी कपड़े यह पोटली में अनाज बांधकर बांस की छड़ी के साथ रात्रि में दरवाजा पर रख आते थें, तो हम सुबह दौड़े-दौड़े उसे देखने जाते थें और जब वह नहीं मिलता था, तो हम खुशी से अपने अभिभावकों को बताते थें कि देखिए न दादाजी आए थें और वे यह सब समान लेकर चले गए। अब वे ढ़ेर सारा आशीर्वाद हम सबको देंगे। अपने पूर्वजों के प्रति यह एक भावनात्मक जुड़ाव था। अब आने वाली पीढ़ी चाहे कोई भी " डे " मना ले , लेकिन वह बात नहीं रहेगी.. ?
सादर ...
आज की सुंदर प्रस्तुति में जो रचनाएँ शामिल हैं, वे एक विशेष प्रकार का संदेश देती दिख रही हैं।
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीया 🙏🌷
ReplyDeleteसुन्दर संकलन। मेरी रचना को जगह देने के लिए हार्दिक आभार।
ReplyDeleteप्रशंसनीय प्रस्तुति ।शुभकामना ।
ReplyDeleteबहुत सार्थक विषय प्रस्तुति में ।
ReplyDeleteसभी लिंक लाजवाब।
सभी रचनाकारों को बधाई।