स्नेहिल अभिवादन
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हिंदी दिवस में हिंदी का गुणगान करना सही है
पर दूसरी भाषाओं को नकारना या विरोध करने से हिंदी का मान बढ़ जायेगा
यह गलतफहमी ही है।
हम जड़ से हिंदी हैं सदा ही रहेगे।
विशाल पीपल की तरह अपनी शाखाओं पर
विविध प्रकार के भाषायी जीवों पक्षियों को
हँसता-मुस्कुराता देखकर
प्रसन्न होकर सभी के साथ फलते -फूलते रहेंगे।
★★★★★
भारत की गौरव गाथा है हिन्दी
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हिंदी दिवस में हिंदी का गुणगान करना सही है
पर दूसरी भाषाओं को नकारना या विरोध करने से हिंदी का मान बढ़ जायेगा
यह गलतफहमी ही है।
हम जड़ से हिंदी हैं सदा ही रहेगे।
विशाल पीपल की तरह अपनी शाखाओं पर
विविध प्रकार के भाषायी जीवों पक्षियों को
हँसता-मुस्कुराता देखकर
प्रसन्न होकर सभी के साथ फलते -फूलते रहेंगे।
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भारत की गौरव गाथा है हिन्दी
एकता की अनुपम परंपरा है हिन्दी
जिसके बिना हिन्द थम जाए
ऐसी जीवन रेखा है हिन्दी
सरल शब्दों में अगर कहें तो
जीवन की परिभाषा है हिन्दी
ऐसी हमारी भाषा है हिन्दी
हिन्दी का सम्मान करें...
★★★★★★
पिछली रात मैंने एक सपना देखा
कि दुनिया के सारे लोग
एक बस में बैठे हैं
और हिन्दी बोल रहे हैं
फिर वह पीली-सी बस
हवा में गायब हो गई
और मेरे पास बच गई सिर्फ़ मेरी हिन्दी
जो अन्तिम सिक्के की तरह
हमेशा बच जाती है मेरे पास
हर मुश्किल में
-केदारनाथ सिंह
मातृ-भाषा के प्रति ...भारतेंदु हरिश्चंद्र
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
अंग्रेज़ी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन।
पै निज भाषाज्ञान बिन, रहत हीन के हीन।।
उन्नति पूरी है तबहिं जब घर उन्नति होय।
निज शरीर उन्नति किये, रहत मूढ़ सब कोय।।
मातृ-भाषा के प्रति ...भारतेंदु हरिश्चंद्र
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
अंग्रेज़ी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन।
पै निज भाषाज्ञान बिन, रहत हीन के हीन।।
उन्नति पूरी है तबहिं जब घर उन्नति होय।
निज शरीर उन्नति किये, रहत मूढ़ सब कोय।।
★★★★★
राष्ट्रभाषा की व्यथा।
दु:खभरी इसकी गाथा।।
क्षेत्रीयता से ग्रस्त है।
राजनीति से त्रस्त है।।
हिन्दी का होता अपमान।
घटता है भारत का मान।।
मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुम गाते हंसते हो
मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुम अपने सुख दुख रचते हो
मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुम सपनाते हो, अलसाते हो
मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुम अपनी कथा सुनाते हो
अलग बात है
हिन्दी लिखना
अलग बात है
हिन्दी पढ़ लेना
अलग बात है
हिन्दी समझ लेना
अलग बात है
हिन्दी भाषा का
अलग प्रश्न
पत्र होता है
साहित्यिक हिन्दी
अलग बात है
★★★★★
दिल में हिंदुस्तान है
मातृभाषा के अभाव में ज्यों
शैशव अधूरा होता है
त्यों राष्ट्रभाषा के बिना इक
राष्ट्र न पूरा होता है।
माँ की यह मीठी बोली ही
बनी हमारी शान है
अपनी जुबाँ पर हिन्दी है
अरु दिल में हिदुस्तान है।
हिंदी ...
भाषा निज सम्मान है, भाषा से पहचान।
भाषा निहित समाज है, भाषा से अरमान।।
मातृभाषा से अपनी, करते सब हैं प्यार।
मातृभाषा बोल बड़ी, है अपना हथियार।।
मातृत्व का मरहम है हिंदी
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दिल में हिंदुस्तान है
मातृभाषा के अभाव में ज्यों
शैशव अधूरा होता है
त्यों राष्ट्रभाषा के बिना इक
राष्ट्र न पूरा होता है।
माँ की यह मीठी बोली ही
बनी हमारी शान है
अपनी जुबाँ पर हिन्दी है
अरु दिल में हिदुस्तान है।
हिंदी ...
भाषा निज सम्मान है, भाषा से पहचान।
भाषा निहित समाज है, भाषा से अरमान।।
मातृभाषा से अपनी, करते सब हैं प्यार।
मातृभाषा बोल बड़ी, है अपना हथियार।।
मातृत्व का मरहम है हिंदी
सीप-सी तलब तलाशती हिंदी हृदय में,
स्वाति नक्षत्र में बरसती बूंदों-सा,
स्वाति नक्षत्र में बरसती बूंदों-सा,
इंतज़ार अधरों को रहा अनकहा,
अनकहे शब्दों में तब्दील होती गयी,
अनकहे शब्दों में तब्दील होती गयी,
अंतस के सुशोभित भावों में भटकी ,
अथाह प्रेम काल का निगल-सा गया,
सम्पूर्ण समर्पण का ग़ुबार लिये वक़्त,
वक़्त-दर-वक़्त सह न सका,
सवाल बनी न जवाब मिला,
समर्पण के भाव में बिखरती-सी गयी |
"वेदर" हो "क्वाउडी" और....
सचमुच ! माना कि हिन्दी वतन के माथे की बिंदी है ...
पर महावर और मेंहदी के बिना तो श्रृंगार अधूरी है,नहीं क्या !?
रामरती ! मेरी प्यारी रामरती !
सभी लोग ऐसा क्यों नहीं सोचते भला
बतलाओ ना जरा !!!"
सचमुच ! माना कि हिन्दी वतन के माथे की बिंदी है ...
पर महावर और मेंहदी के बिना तो श्रृंगार अधूरी है,नहीं क्या !?
रामरती ! मेरी प्यारी रामरती !
सभी लोग ऐसा क्यों नहीं सोचते भला
बतलाओ ना जरा !!!"
★★★★★★
आज की यह प्रस्तुति
आपको कैसी लगी?
अपनी
व्वाहहहह...
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाएँ..
बेहतरीन संदर्भ प्रस्तुति..
सादर..
वाहः वाहः
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुतीकरण छूटकी
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌
ReplyDeleteमुझे स्थान देने के लिए तहे दिल से आभार श्वेता दी
सादर
बेहतरीन और लाजवाब.. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
ReplyDeleteवाह बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई
ReplyDeleteसभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
सुन्दर प्रस्तुति हमेशा की तरह। आभार श्वेता जी।
ReplyDeleteश्वेता सखी, अद्वितीय संकलन ।
ReplyDeleteगागर में सागर ।
डुबकी लेने का मज़ा आ गया ।
बधाई और धन्यवाद ।