स्नेहाभिवादन !
आज की सांध्य दैनिक प्रस्तुति में सभी रचनाकारों और पाठकों का हार्दिक स्वागत !
"समय भागता है प्रतिक्षण में,
नव-अतीत के तुषार-कण में,
हमें लगा कर भविष्य-रण में,
आप कहाँ छिप जाता है
सब जीवन बीता जाता है'
श्री जयशंकर प्रसाद जी की "सब जीवन बीता जाता है'
कविता के अंश के साथ पढ़ते आज के चयनित सूत्र ---
कविता के अंश के साथ पढ़ते आज के चयनित सूत्र ---
ओ घटा के मेघ शयामल मैं तेरी जल धार हूं,
तूं धरा की प्यास हर, मैं तेरा तृप्त अनुराग हूं ।
ओ सागर अन्तर तल गहरे मैं तेरा विस्तार हूं,
तूं घोर रोर प्रभंजन है, मै तेरा अगाध उत्थान हूं।
हम सबको आफिस में हिंदी में ही काम करना चाहिये । जितनी भी फ़ाइल हो उसमें सिस्टम से
नीट एंड क्लीन काम हो । हमें अपने वर्क प्लेस पर और अधिक अटेंशन देने की जरूरत है ।
नीट एंड क्लीन काम हो । हमें अपने वर्क प्लेस पर और अधिक अटेंशन देने की जरूरत है ।
हिंदी के प्रौग्रेस और प्रोमोशन के लिये पोएम कंपीटिशन भी जरूर करवाना चाहिए ।
माँ का आँचल शीतल पीपल देख रहा
मौन तपस्वी अविचल पीपल देख रहा
शरद, शिशिर हेमंत
गीष्म बैसाखी वर्षा
ऋतु परिवर्तन प्रतिपल पीपल देख रहा
पार्क में प्रवेश करते ही दायीं ओर एक बेंच दिखी। सोचा वहीँ चलकर ग़म गलत करते हैं। बेंच के निकट पहुँचे
तो देखा बेंच के नीचे भैरव जी के वाहन विष्णु मुद्रा में शयनागत थे। हमें देखते ही उन्होंने
डोंट डिस्टर्ब वाला नाद किया। खतरा भाँप हम फ़ौरन पार्क के वाम ओर पलट गए।
तो देखा बेंच के नीचे भैरव जी के वाहन विष्णु मुद्रा में शयनागत थे। हमें देखते ही उन्होंने
डोंट डिस्टर्ब वाला नाद किया। खतरा भाँप हम फ़ौरन पार्क के वाम ओर पलट गए।
हम अगले किसी सुखासन की खोज में आगे बढ़े तो एक दूसरी बेंच पर महिलामंडल विराजमान था।
टहलने वाली पट्टी पर चलते हुए हम उनके सामने से गुजरे।
टहलने वाली पट्टी पर चलते हुए हम उनके सामने से गुजरे।
जिस
दिन से
छोड़ देगा
देखना
टूटते घर को
और
सुनना
खण्डहर
की
खामोशियों को
देखना
उस दिन से
एक
खूबसूरत
लिखा लिखाया
चाँद
घूँघट
के
नीचे से
निखर
कर आयेगा
★★★★★
इजाजत दें... फिर मिलेंगे..
शुभ संध्या
🙏
"मीना भारद्वाज"
बहुत सुंदर प्रस्तुति मीना जी मेरी रचना को शामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया।
ReplyDeleteसादर सस्नेह।
बेहतरीन प्रस्तुति..
ReplyDeleteसादर...
बहुत सुंदर प्रस्तुतीकरण
ReplyDeleteआपकी प्रस्तुति सदैव श्रेष्ठ होती है।
ReplyDeleteप्रणाम।
सुन्दर अंक। आभार मीना जी।
ReplyDeleteअच्छे सूत्र पिरोए हैं।
ReplyDeleteसुन्दर रचनाओं का संकलन ...
ReplyDeleteआभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ...