Friday, September 13, 2019

113..स्ट्रीट फूड सी चटपटी हिंदी

स्नेहिल अभिवादन
कल का दिन
हिन्दी दिवस के रूप में 
मनाया जाएगा..
बस ...एक दिन
लोग हिन्दी का गुण गाएँगे
फिर जस का तस...
देखें आज अब तक की प्रकाशित रचनाएँ

स्ट्रीट फूड सी चटपटी हिंदी हिंदी दिवस पर विशेष हिंदी के कितने रूप देखने को मिल सकते हैं ये बड़े आश्चर्य का विषय है। एक दिन, जैसे ही मैं हाइवे पर पहुँचा एक तेज रफ्तार ट्रक धूल के गुबार में मुझे लपेटकर आगे बढ़ गया। जब आँखें मलकर देखा तो 
पीछे लिखा था- ‘देखो मगर प्यार से’। 


"तंजानिया" के "ज़ांज़ीबार" में
मजबूर ग़ुलामों से कभी
सजने वाले बाज़ार
सजते हैं आज भी कई-कई बार
कई घरों के आँगनों में,
चौकाघरों में, बंद कमरों में,
बिस्तरों पर, दफ्तरों में ...


ख्यालो की दौड़ कभी 
थमती नही कलम को थाम सकू 
वो फुर्सत नही , 
जब भी कोशिश हुई 
पकड़ने की 
वक़्त छीन ले गया 


वो ख़ुश-आमदीद आब-ओ-हवा बताते रहे
सनक को भी बादशाह की अदा बताते रहे

अंतिम तिनके के भी हाथ से छूटने तलक
वो ख़ुद को हमारा ना-ख़ुदा बताते रहे

चिनार और पाइन मुस्काये
कोनिफर भी मंगल गाये
श्वेत उतंग मस्तक गर्वोन्मत 
बाँधनी चुनर किरणें फैलाये
चाँदनी की मोहक मंजरियाँ
सज गयी निशा की यारी में
....
आज के लिए बस
कल आएगी श्वेता
हिन्दी दिवस मनाने
यशोदा



9 comments:

  1. व्वाहहहह..
    बेहतरीन..
    सादर..

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  2. सच में हिन्दी के अनेक रूप हैंं दी..
    अब देखें न हम लोग अपने जनपद का नाम .. मीरजापुर लिखें अथवा मिर्जापुर दोनों ही सही है।
    सभी को प्रणाम।

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

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  4. हिंदी दिवस की धूम है। बहुत सुंदर सभी रचनाएँ है दी।
    मेरी रचना को.शामिल करने के लिए बहुत आभार दी।

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  5. सभी रचनाएँ बहुत सुन्दर .. विविधतापूर्ण प्रस्तुति ।

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  6. वाह बेहतरीन रचनाओं का संगम।एक से बढ़कर एक प्रस्तुति।
    Bhojpuri Song Download

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  7. बहुत अच्छी प्रस्तुति

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  8. सभी मित्रों को हिंदी दिवस की बधाई हो ,शानदार प्रस्तुति ,मेरी रचना को स्थान देने के लिए धन्यवाद ,मैं आपकी ह्रदय से आभारी हूँ ।ज्यू चमके माथे पे बिंदी ,यू चमके जग में मेरी हिंदी ,हिंदी मात्र भाषा नहीं ,हमारी मातृभाषा है ,तभी ये वंदनीय है ,पूज्यनीय है ।नमन इसे हमारा ,ये जोड़े जग सारा ।

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