स्नेहाभिवादन !
आज की सांध्य दैनिक प्रस्तुति में आप सब का हार्दिक स्वागत ….
आजकल त्यौहारों का मौसम है कल देश के कुछ प्रान्तों में हरितालिका तीज व्रत पूजा सम्पन्न हुई तो
कुछ हिस्सों में गणपति महोत्सव का शुभारम्भ हुआ । हर प्रान्त के अपने रीति-रिवाज मगर मूल
भाव का निहितार्थ एक समान….
कुछ हिस्सों में गणपति महोत्सव का शुभारम्भ हुआ । हर प्रान्त के अपने रीति-रिवाज मगर मूल
भाव का निहितार्थ एक समान….
"आस्था के सागर में डुबकी और मंगलकामनाएँ"
यही संस्कार पीढ़ी दर पीढ़ी अपनत्व भाव से जोड़ते हैं हमें और पैदा करते हैं हम में
"वसुधैव कुटुम्बकम का भाव ।" जीवन को सुन्दर और सरस बनाने में साहित्य की भूमिका भी कम नहीं है
अतः हमारा अगला कदम आज की सांध्य दैनिक प्रस्तुति की ओर ----
"वसुधैव कुटुम्बकम का भाव ।" जीवन को सुन्दर और सरस बनाने में साहित्य की भूमिका भी कम नहीं है
अतः हमारा अगला कदम आज की सांध्य दैनिक प्रस्तुति की ओर ----
धीमी गति है उत्तम
बहुत सजग हो बढ़ना होगा
सफलता तभी हासिल होगी
मन में दृढ निश्चय होगा
ऊंचाई पर पहुँचना होगा
गर्व से सर तभी उन्नत होगा
आजादी के बाद शहीद हुए सैनिकों की याद में बना यह मेमोरियल इंडिया गेट के पास स्थित है।
इस मेमोरियल में आजादी के बाद के हुए प्रमुख युद्ध की कहानियों भी चित्रों में दर्शाई गई हैं।
वार मेमोरियल में 1962 के भारत-चीन युद्ध, 1947, 1965, 1971 व 1999 के भारत-पाकिस्तान युद्ध
तथा श्रीलंका में शांति बहाल कराने के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की गाथा है ।
इस मेमोरियल में आजादी के बाद के हुए प्रमुख युद्ध की कहानियों भी चित्रों में दर्शाई गई हैं।
वार मेमोरियल में 1962 के भारत-चीन युद्ध, 1947, 1965, 1971 व 1999 के भारत-पाकिस्तान युद्ध
तथा श्रीलंका में शांति बहाल कराने के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की गाथा है ।
रेशमी धूप सा जो सहलाता है अंतर
वही सूरज पांव मरुथलों में जलाता है
मीठी सुवास सा बहलाता है जो मन को
नुकीले पथ सा वही प्रेम चुभे जाता है
अरुणोदय से गोधूलि तक मिट्टी में खटकता हूँ
दो कौर के उदर को, उदरों के लिए जुतता हूँ
इतना यकीन है मेरे स्वेद से मोती ही निकलेगा
कर्म वेदी पर हर क्षण को स्वाति नक्षत्र देखता हूँ
जितना वेग तपन का धरते
उतना ही नीरद भर देते
बूँदों में वापस आकर के
तन मन की ऊष्मा हर लेते
साँझ ढले पर्वत के पीछे
शनै शनै करते गमन
हे सूर्य! तुझको नमन !
★★★★★
शुभ संध्या
🙏
"मीना भारद्वाज"
सुन्दर सूत्र संयोजन।
ReplyDeleteशुभ-संध्या मीना दीदी🙏 !!!
ReplyDeleteमन की कोमलता को भावनाओ का सुदृढ़ आत्मविश्वास दर्शाती हुई इन पंक्तियों का संकलन वाकई बेहद खुबसुरत व सशक्त प्रस्तुतिकरण ..
व्वाहहहह..
ReplyDeleteबढ़िया...
सादर...
ReplyDeleteजितना वेग तपन का धरते
उतना ही नीरद भर देते..
मानव जीवन में भी श्रम और कर्म का यही महत्व है।
परंतु यहाँ अकसर नियति का घटाटोप अपना प्रभाव दिखलाता रहता है.
यह शुभ संकेत है कि हरितालिका तीज पर्व इस आधुनिक युग में भी विवाहित स्त्रियों के लिये महत्व रखता है।
सार्थक प्रस्तुत के लिये प्रणाम।
बेहतरीन प्रस्तुति 👌
ReplyDeleteसादर
धन्यवाद मीना जी मेरी रचना को शामिल करने के लिए |
ReplyDeleteसुंदर भूमिका के साथ पठनीय सूत्रों का चयन..आभार मुझे भी शामिल करने के लिए
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति।
ReplyDeletethanks gym motivaional quotes
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