Wednesday, September 29, 2021

775 ..यह विश्व राजनीति का महान एक केंद्र है

सादर अभिवादन
आज जीवित्पुत्रिका व्रत है
जिसा जिउतिया उपास भी कहते हैं
व्रती महिला की मनोकामना पूर्ण हो
सभी बच्चे स्वस्थ और निरोगी रहें
इसी कामना के साथ आज का यह अंक



हवाओं का झोंका उड़ा ले गया।
अब न अपनी ख़बर न ख़बर हो तेरी।

खूब गुनाहों को मेरे मुझसे कहा।
कब तल भला, दिल में फिकर हो तेरी।




यह विश्व राजनीति का
महान एक केंद्र है,
यहाँ का वीर सरहदों पे
बज्र ले महेंद्र है,
विभिन्न भाषा,बोलियाँ
विभिन्न भूषा-वेश है।
यह उत्तर प्रदेश है,यह उत्तर प्रदेश है।



ख़ुदा की यूँ कुदरत लिखेंगे
उन्हीं की  इबारत  लिखेंगे

वही दो जहानों का रहबर
उन्हीं की इनायत लिखेंगे

मुहब्बत के शायर है हम भी
कलम  से  मुहब्बत  लिखेंगे




अब न रहे वे घर,
न वे रोशनदान,
जहाँ मैं तिनके जमा कर सकूँ,
अंडे दे सकूँ,
उन्हें से सकूँ,
जहाँ मेरे नन्हें चूज़े
आराम से रह सकें,
उड़ने लायक हो सकें.




कहीं पुष्प बन कर उभरती है ,
कहीं नदिया बन कर उमड़ती है ,
प्रकृति तो प्रकृति है
कहीं पाखी बन उड़ती है

कितने ही रूप में
कह जाती है मन की
समां जाती है शब्दों में
जैसे भावों की अनुकृति !!


सादर

 

5 comments:

  1. बेहतरीन.मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार.

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  2. बेहतरीन ,मेरी रचना को सम्मलित करने के लिए आपका बहुत शुक्रिया

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  3. हार्दिक आभार आपका।सादर अभिवादन

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  4. बेहतरीन संकलन 👍

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  5. बढ़िया प्रस्तुति!! मेरी रचना को स्थान मिला, हृदय से अभिनंदन, सादर धन्यवाद यशोदा जी!!

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