Monday, September 6, 2021

753 ..कष्टों का परिमार्जन करने हेतु सर्वशक्तिमान को इस धरा पर अवतार लेने के लिए कुछ पलों का समय निकालना ही पड़ता है

सादर अभिवादन
ज़ियादा उठा पटक नहीं
टूट जाएगा बैल
मिट्टी का बना है

..आज पोला है छत्तीसगढ़ में
रचनाएँ


भाषा अपने देश की , मधुरिम इसके बोल।
सहज सरल मनभावनी, है हिन्दी अनमोल।
है हिन्दी अनमोल, सभी के मन को भाती।
चेतन चित्त विभोर, तरंगित मन लहराती।
कहे सुधा इक बात, यही मन की अभिलाषा।
हिन्दी बने महान , राष्ट्र की गौरव भाषा।।




पता नहीं मैं अपनी बात और विचार कहां तक स्पष्ट कर पाया हूँ ! पर जब धरती पर परिस्थितियां अत्यंत जटिल, बेकाबू और प्राणिमात्र के लिए घातक हो उठती हैं ! अभिमान, घमंड, लोभ, भ्रष्टाचार की अति के साथ हैवानियत अपने चरम पर पहुंच जाती है ! मनुष्य खुद को ही भगवान समझने लगता है ! तब धरा का संतुलन बनाए रखने और साथ ही पुण्यात्माओं-धर्मात्माओं को लंबित न्याय दिलाने, उनके कष्टों का परिमार्जन करने हेतु सर्वशक्तिमान को इस धरा पर अवतार लेने के लिए कुछ पलों का समय निकालना ही पड़ता है !



बिहार राज्य में रह कर भी, कई बिहारवासियों की तरह ही, शायद आप भी बिहार के इन दो विश्वस्तरीय महत्वपूर्ण और विशेष गौरवशाली पर्यटन स्थलों के बारे में अनभिज्ञ हो सकते हैं, जिनके बारे में, यूँ तो विश्व स्तर पर बेहतर जाना जाता है। जिनमें एक तो .. सामान्य ज्ञान के अंतर्गत, इस राज्य में सिगरेट और बन्दूक के कारखाने के लिए प्रसिद्ध मुंगेर जिले में, गंगा नदी के किनारे सन् 1963-64 ईस्वी से स्थापित "बिहार योग विद्यालय" (Bihar School of Yoga) है और दूसरा राज्य की राजधानी- पटना जिला के लगभग पश्चिमी छोर पर, गंगा-तट से कुछ ही दूरी पर सन् 1988-89 ईस्वी से अवस्थित "तरुमित्र आश्रम" है।



ओ चूहे तुम कब जाओगे
क्यूँ सताया है सारे घर को
कितना नुक्सान किया है तुमने
यह तक न सोचा कभी  |
इतने ऊपर कैसे चढ़ गए
पांच मंजिल तक  आए
क्या नया कूलर ही मिला था


कौन सुने खर जग सारा।
बात बात देता ताने।
तड़प मीन की मन मेरे
श्याम नही अंतर जाने ।।


आज के लिए बस

कल फिर.. 

8 comments:

  1. उत्कृष्ट लिंको से सजी लाजवाब प्रस्तुति
    मेरी रचना को यहाँ स्थान देने हेतु तहेदिल से धन्यवाद।
    सादर आभार।

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    1. ना जाने क्यों ... आपकी रचना आपके ब्लॉग पटल पर उपलब्ध नहीं दिख रही है ...

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    2. सुबोध भाई रचना यहाँ है
      https://eknayisochblog.blogspot.com/2021/09/Hindi-apni-shan.html

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  2. जी ! नमन संग आभार आपका यशोदा बहन, अपने मंच पर मेरी बतकही को जगह देने के लिए ...

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  3. शानदार चयन , श्रेष्ठ प्रस्तुति सभी लिंक बेहतरीन।
    मेरी रचना को मुखरित मौन पर रखने के लिए हृदय से आभार।

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  4. सम्मिलित कर मान देने हेतु हार्दिक आभार

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  5. बहुत सुंदर,सार्थक रचनाओं का संकलन ।

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