Monday, August 2, 2021

718 ..प्रेम को ओढें, प्रेम को बिछाएं, प्रेम को पियें, प्रेम को ही जियें...

सादर अभिवादन
आज जानी-मानी रचनाकार के ब्लॉग सुधीनामा की रचनाएँ
ब्लॉगर किसी परिचय की मोहताज नहीं
सब जानते हैं साधना दीदी को
लेखन का प्रारम्भ 2008 से अब तक
356 फॉलोव्हर, 574,929 पेज दृश्य

हिलती हुई मुंडेरें हैं और चटके हुए हैं पुल,
दुनिया एक चुरमुराई हुई सी चीज़ हो गई है।
लड़खड़ाते हुए सहारे हैं और डगमगाये हुए हैं कदम,
लक्ष्य तक पहुँचने की चाह आकाशकुसुम छूने जैसी हो गयी है।


हवा के हर सहलाते दुलराते
स्नेहिल स्पर्श में
मुझे तुम्हारी उँगलियों की
चिर परिचित सी छुअन
क्यों याद आ जाती है ?


थक चुकी हूँ आज इतना
और चल सकती नहीं ,
मंजिलों की राह पर
अब पैर मुड़ सकते नहीं

कल उठूँगी, फिर चलूँगी
पार तो जाना ही है ,
साथ हो कोई, न कोई
इष्ट तो पाना ही है !

अब तक जिन सपनों के किस्से तहरीरों में ज़िंदा थे ,
क़ासिद के हाथों में पड़ कर पुर्ज़ा-पुर्ज़ा हो गये !

अब इन आँखों को सपनों के सपने से डर लगता है ,
जो बायस थे खुशियों के रोने का बहाना हो गये !


नीले रंग से धैर्य, न्याय के
गुण मैं चित्रित कर लूँगी
जामुनी रंग से निर्भय होकर
दूर गगन तक उड़ लूँगी !


सारी दुनियावी ज़हमतों से दूर
सारी दुनियावी रहमतों से दूर !
प्रेम को ओढें
प्रेम को बिछाएं
प्रेम को पियें
प्रेम को ही जियें
ना कोई हमसे मिलने आ सके
ना हम किसीसे मिलने जायें
....
मिलिए दीदी से
सादर


12 comments:

  1. बहुत सुंदर पठनीय रचनाओं का संकलन प्रस्तुत किया है आपने,जरूर जाऊंगी पढ़ने। साधना दीदी को बहुत शुभकामनाएं।आपको मेरा नमन।

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    1. हार्दिक आभार आपका जिज्ञासा जी ! स्वागत है आपका मेरे ब्लॉग सुधिनामा पर !

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  2. अरे वाह यशोदा जी ! अभिभूत हूँ आपने मुझे और मेरी रचनाओं को इस योग्य समझा कि पाठकों को मेरे बलॉग तक पहुँचा दिया ! दिल से आभार सखी ! सप्रेम वंदे!

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  3. साधना जी अपनी हरेक रचना में एक नया दर्शन गढ़ती हैं जो पाठकों के दिल में गहरे तक पैठ जाता है। बहुत सुंदर संकलन। बधाई और आभार।

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    1. इतनी खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए आपका ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद विश्वमोहन जी ! हार्दिक आभार !

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  4. मेरी प्रिय लेखिकाओं में से एक हैं आदरणीया साधना दीदी। आपकी हर रचना मुझे पसंद है चाहे यात्रावर्णन हो, लेख हो या कविताएँ। स्नेह व शुभकामनाएँ। सादर।

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    1. आपकी शुभकामनाएं अनमोल हैं मीना जी ! आत्मीय आभार आपका !

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  5. बहुत सुंदर रचना संकलन

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    1. हार्दिक धन्यवाद भारती जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  6. आज साधना जी की रचनाओं को इस मंच पर पाकर बहुत अच्छा लग रहा है। साधना जी अत्यंत शालीन विदुषी रचनाकार हैं
    । उनके लेखन में हर विधा शामिल हैं। उनकी कई रचनाएँ मेरी पसंदीदा हैं। विशेषकर नारी मन के सभी रंग आपके लेखन में मिलते हैं। ढेरों बधाइयां और शुभकामनाएं साधना जी के लिए। वे बहुत प्यारी हैं, उतना ही उनका लेखन भी। अत्यंत आभार भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए 🙏🙏🌷🌷

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    1. आपके स्नेह एवं सद्भावनाओं को पाकर विमुग्ध हूँ प्रिय रेणु जी ! आपका ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आत्मीय आभार ! आप जैसे मनीषियों की सराहना ही लिखने के लिए प्रेरित करती है वरना तो मैं कुछ भी नहीं ! इस प्यार को सदा बनाए रखियेगा !

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  7. प्रिय साधना दीदी को प्रणाम,
    आपकी रचनात्मकता का वृहद संसार मुझे सदैव नवीन विमर्श देता है। आपकी लेखनी हर विधा में इतनी सहज है कि पाठक स्वयं को जुड़ा हुआ महसूस करता है।
    अशेष शुभकामनाएं दीदी।

    आपकी रचनाओं को पढ़वाने के लिए यशोदा दी का आभार।

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