Friday, May 29, 2020

369....दीक्षा लेती तो इस लोक के साथ - साथ परलोक भी बिगड़ जाता

सादर नमन
आज की पहली रचना
सोचने पर मज़बूर करती है
एक बेहतरीन कटाक्ष है

नवीन परिचय
आदरणीय कमल उपाध्याय

यज्ञ कुंड के धुएँ से वातावरण पवित्र हो रहा था कि तभी ठाकुर साहब वहाँ आ पहुँचे। संत बाबा कुछ दिन पहले ठाकुर साहब के वहाँ भी हो आये थे। देखते ही उन्हें पहचान गए। ठाकुर साहब ने बाबा के कान में कुछ कहा, जिसके बाद बाबा क्रोधित हो गए।
बाबा को इस बात की सच्चाई पता चल गई थी की राजलक्ष्मी का नाम प्यारी बाई है और वो नाचने-गाने का काम करती है। बाबा ने तुरंत पानी के छीटें मारकर यज्ञ की आग को स्वाहा कर दिया। प्यारी को उन्होंने वैश्या, रंडी और कई शब्दों से संबोधित करते हुए, वहाँ से ठाकुर साहब के साथ निकल गए।


नींद नहीं 
आँखों में रह -
रह बादल घेर रहे ,
हरे बाँस 
सीटियाँ 
बजाते वंशी टेर रहे ,
मेहँदी रचे 
गुलाबी हाथों 
ने फिर किया प्रणाम | 

आर्थिक आत्मनिर्भरता
"स्व" की पहचान में जुटी,
अस्तित्व के लिए संघर्षरत,
सजग,प्रयत्नशील 
स्त्रियों की आँख पर
सामर्थ्यवान,सहनशील,
दैवीय शक्ति से युक्त,
चाशनी टपकते
अनेक विशेषणों की
पट्टी बाँध दी जाती है



सूने पार्क में कोने के चबूतरे पर बैठी
यादों के बियाबान जंगल में विचरण करती हुई..
तभी पीले पत्तों का
शाख से विदा हो कर
स्पर्श कर जाना ,
निःशब्द, स्तब्ध कर गया मुझे ।


सम्पूर्ण गीत ना सही,
मात्र एक अंतरा ही सही।
चौखट ही मान लो,
घर का अँगना ना सही।
पगली .. हूँ तो तेरा अंश।

पूर्ण कविता ना सही,
एक छन्द ही सही।
साथ जीवन भर का नहीं,
पल चंद ही सही।
पगली .. हूँ तो तेरा अंश।


शलभ ने शिखा को सदा ध्येय माना,
किसी को लगा यह मरण का बहाना,
शलभ जल न पाया, शलभ मिट न पाया
तिमिर में उसे पर मिला क्या ठिकाना?
प्रणय-पंथ पर प्राण के दीप कितने
मिलन ने जलाये, विरह ने बुझाये।
...
आज बस
कल फिर
सादर


5 comments:

  1. दीक्षा..
    चिन्तनीय..
    सादर..

    ReplyDelete

  2. माना .. सगा मैं नहीं,
    कोई अपना भी नहीं,
    कभी रूबरू ना सही,
    बस .. मन में ही सही।
    पगली .. हूँ तो तेरा अंश।
    जैसी लाजवाब। पंक्तियों के साथ। सजी। सुन्दर। प्रस्तुति!!!!सभी रचनाकारों को शुभकमनाएं।सुबोध जी की रचना। आज की रचना विशेष। कहें तो अतिशयोक्ति। ना होगी।यूं सभी रचनाएं शानदार। हैं हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीय दीदी👃👃👃

    ReplyDelete
  3. बेहतरीन संकलन
    दिल को छूती हुई सभी रचनाएं

    ReplyDelete
  4. हार्दिक आभार आपका |बहुत अच्छे लिंक्स |

    ReplyDelete