Tuesday, August 3, 2021

719 ..हर साँस पर अब साँस भी तो नहीं आती

सादर अभिवादन
ज़िन्दगी, तुम्हारे लिए!
जी हाँ यही नाम है रोली जी के ब्लॉग का नाम
इसके सिवा कुछ भी नहीं लिखा उन्होंने
रचनाएँ बताती है उसके बारे में....
रचनाएँ देखे....

ये दुनिया बदलती ही रहती है
हर पल
हमारी पृथ्वी,
इसे गोल-गोल घूमते उपग्रह
और वो भी
जिसके परिधि में हम घूमते हैं
पृथ्वी के संग;
अगर सृष्टि परिवर्तित होती है


हर बचपन की आंखों में
एक सपना पलता है
जब वो बड़ा होगा
माँ-पापा को
महलों की नवाज़िशें देगा
मग़र ए दिल
जिज्ञासा युवा पत्नी की
आंखों में शून्य हो जाती है
और बुढ़ापा
वृद्धाश्रम की सीढ़ियों पर
भंडारे की पूड़ियों में दम तोड़ता है।


'तुम'
क्या हो तुम
ठहरी हुई झील
गिरता हुआ झरना
बहती हुई नदी
अथाह समंदर
या फिर
उसको भी समाहित करता
महासागर;


हाथों में भरकर अपनापन
जताओगे न,
उस नमी से रात शबनमी
बनाओगे न,
अपनी चोटों से रात भर
जगाओगे न,
हर वार पर आह, सिसकी दिलाओगे न,
जब क्रिया होगी तभी न
प्रतिक्रिया का बिगुल बजेगा!


गंगा को समेटे
रखता हिमालय पे चरण हूँ,
नख से शिख तक करता
भभूत का वरण हूँ,
मैं इस सदी का
दूसरा संस्करण हूँ,
ध्यानी हूँ, दानी हूँ
और स्वाभिमानी हूँ

क्यों रुठ गयी हैं बादलों से बूँदें
कहीं समन्दर ने इनसे नाता तो नहीं तोड़ा होगा
जैसे मैं होती जा रही हूँ दूर तुमसे
हर साँस पर अब साँस भी तो नहीं आती
और यादें हैं कि ज़िबह किए देती
.....
रचनाएँ आपके समक्ष है
रोली जी की कई रचनाएँ पढ़ी है मैंने
पसंद आई आपको भी आएगी
सादर..


7 comments:

  1. बेहद उम्दा संकलन

    ReplyDelete

  2. नए बिंबों और प्रतीकों के माध्यम से अभिव्यक्ति की कला की माहिर रोली अभिलाषा जी की भावपूर्ण रचनाओं की मंच पर प्रस्तुति के लिए, मुखरित मौन मंच को हार्दिक आभार! अभिलाषा जी को सस्नेह। शुभकामनाए।

    ReplyDelete
  3. तबाही मचा शाँत हुआ चक्रवात
    सब कुछ बहता रहता है बिना नीर
    चलता है मन-प्रपात
    बस इसी तरह छोड़ते हो तुम मुझे हर बार.///////
    कमाल की भावाभिव्यक्ति!!👌👌👌

    ReplyDelete
  4. बहुत सुंदर सराहनीय अंक, बहुत शुभकामनाएं आदरणीय दीदी ।

    ReplyDelete
  5. बहुत आभार दी मेरी कलम को स्नेह देने के लिए. अच्छा लगा यहाँ तक पहुँचकर.
    ब्लॉग के स्वर्णिम भविष्य हेतु शुभकामनाएं!

    ReplyDelete
  6. बहुत ही अच्छा और गहन अंक...।शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  7. सभी रचनाएं बहुत सुन्दर ।

    ReplyDelete