Thursday, March 11, 2021

657 ...छेड़ दे कोई ग़ज़ल तो और रूहानी होती है

 सादर वन्दे
जय शिव सम्भू



एक बार एक धार्मिक बाबा की मृत्यु हो गयी और वो यमलोक पहुँच गया वहां उससे आगे एक और आदमी खड़ा था जो चटकीले कमीज चमड़े की जैकेट जींन्स और आँखों पर चश्मा लगाये खड़ा था! यमराज ने उसे आवाज लगाते हुए पूछा तुम अपने बारे में बताओ ताकि मुझे ये पता लग जाये की तुम्हें स्वर्ग भेजना है या नरक! उस आदमी ने कहा जी मैं मुंबई टैक्सी स्टैंड का ड्राईवर हूँ यमराज ने चित्रगुप्त से उसका लेखाजोखा निकालने को कहा चित्रगुप्त ने उसका लेखाजोखा निकालकर यमराज को दिया यमराज ने उसका लेखाजोखा देखा और उसे रेशमी वस्त्र और सोने की छड़ी दी और कहा कि आप स्वर्ग चले जाएँ! बाबा ये सब देख रहा था तभी उसके कानों में एक आवाज सुनाई दी जी आप आ जाईये अपने बारे में बताएं वह आगे बढ़ा और कहने लगा: मैं एक धार्मिक मठ का बाबा हूँ और मैंने पिछले 30 वर्ष उस मठ को सेवाएँ दी है यमराज ने चित्रगुप्त से उसका लेखाजोखा देने को कहा चित्रगुप्त ने दे दिया यमराज ने उसका लेखाजोखा देखा और उसे खादी का कम्बल और लकड़ी की छड़ी पकड़ाते हुए कहा की नरक में चले जाओ! जब वो जाने लगा तो उसने यमराज से पूछा कि एक मिनट मेरे से पहले जो आदमी गया वो एक मामूली टैक्सी ड्राईवर था और आपने उसे रेशमी वस्त्र सोने कि छड़ी दी और स्वर्ग भेज दिया जब कि मुझे.. वो अपनी बात पूरी करता इससे पहले ही यमराज बोल पड़ा: जब तुम प्रवचन सुनाते थे तो लोग सो जाते थे जब वो लोगों को टैक्सी में कहीं छोड़ता तो लोग उसे दुआएं देते धन्यवाद करते थे इसीलिए..
......

गर्मियों की शाम
सुहानी होती है
छेड़ दे कोई ग़ज़ल
तो और रूहानी होती है

एहसास तेरे होने का
और तेरा नहीं होना
यह सीधी सी बात
दिल को परेशानी होती है
......
यह आघात, सह भी जाऊँ,
यह दरिया दु:ख का, तर भी जाऊँ,
उनको, वापस कैसे पाऊँ?
जो गुजर गए!


न जाने कितनी बार झुलसी हुई रातें गुज़री,
बंजर ज़मीं से हो कर बूंदों की बरसातें गुज़री,


आश्चर्य इस बात का रहा कि ये सारे पक्षी जोड़े में ही आते हैं
और पाबंद इतने कि कभी-कभार छोड़,
किसी ने भी कभी भी दूसरी प्रजाति के साथ
छीना-झपटी का मौका नहीं आने दिया !
एक दूसरे में दखलंदाजी नहीं की !
....
आज बस
सादर..

4 comments:

  1. अशेष शुभकामनाएं..
    बढ़िया अंक
    सादर...

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  2. सभी रचनाएँ अपने आप में अद्वितीय हैं मुग्ध करता हुआ मुखरित मौन, मुझे शामिल करने हेतु असंख्य आभार आदरणीया - - नमन सह।

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  3. बहुत अच्छे लिंक्स।सादर अभिवादन

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