Sunday, March 7, 2021

652 ...और तुम अपनी समझाइश पर दम्भ भरो

सादर अभिवादन
मात्र दो दिन लगे
सारी जंग निकल रही है
मस्तिष्क से..
अग्रिम शुभकामनाएँ

हे ईश्वर सभी महिलाओं को
पुरुषों की नयनाग्नि
के खिलाफ क्रोधाग्नि प्रदान करे

रचनाएँ देखें
तुम चाहते हो,
वह न निकाले
अपना मन की बेचैनी,
बस सबकुछ
अपना कर्तव्य मान ले
और तुम
अपनी समझाइश पर
दम्भ भरो
आदरणीय रश्मि दीदी ने सब कुछ कह दिया


कल 8 मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मना कर नारी शक्ति को सम्मान दिया जाता है।
अगर आप भी इस खास दिन अपनी मां, बहन, पत्नी या कोई ऐसी महिला
जिसने आपको आपके जीवन में प्रेरित किया हो

स्वतंत्रता अपने आप में एक बहुत ही शक्तिशाली आचरण है ..
जिसपर स्त्रियों को शत-प्रतिशत  खड़ा उतरना है ..
और इसी सोच को लेकर आगे चलना है


हमारी प्यारी भोजपुरी
होरी ढिंगै लगि द्वेष न केहू से चित्त फटै वह होरी न गायेउ
एक शानदार होरी गीत


विशेष थी तुम, ओ दीदी....
अब, शेष हैं, बस बीती बातें, और तेरी यादें!
यादें जाती नही आयु पर्यन्त जमा रहती है मन में
अश्रुपूरित श्रद्धाञ्जली...
....
बस
कल शायद दिव्या आएगी
सादर

11 comments:

  1. बहुत अच्छी सांध्य मुखरित मौन प्रस्तुति

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  2. बहुत अच्छे संकलन । अभी जाती हूँ लिंक्स पर ।

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  3. बहुत बढ़िया संकलन, यशोदा दी। मेरी रचना को सांध्य दैनिक मुखरित मौन में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

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  5. स्नेहिल आभार यशोदा जी ..

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  6. मेरे ब्लॉग का लिंक यहाँ देने के लिए सादर धन्यवाद।

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  7. सुंदर लिंक्स का शानदार संकलन..बहुत बहुत आभार..आपको सादर शुभकामनाएँ एवं नमन..

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  8. This comment has been removed by the author.

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  9. सभी लिंक शानदार आदरणीय दीदी | आपकी दुआ कुबूल हो यही कामना है , क्योंकि ये स्वाभिमान का उद्घोष है || सभी सखियों को महिला दिवस की ढेरों बधाईयाँ और शुभकामनाएं|

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  10. बहुत सुंदर प्रस्तुति

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  11. उव्वाहहहहहह
    बेहतरीन
    कल पढ़ूंगी सारा
    सादर

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