Monday, November 30, 2020

555 ..क्या लोकतांत्रिक देश में एक चुनाव प्रणाली संम्भव है

सादर अभिवादन
आज प्रकाशपर्व है 

बाबा नानक सिंह का जन्म दिवस
कार्तिक पूर्णिमा को दिन जन्म हुआ था उनका
शत शत नमन
इस अंक की शुरुआत
गुरुवाणी से



" सतिगुरु नानक परगटिया ,
मिटी धुंध जग चानण होया " गुरुवाणी 
" नानक नाम जहाज है, चढ़े सो उतारे पार ....."
" कोई बोले राम राम कोई अलाए
कोई सेवे गुसैयाँ कोई खुदाए "  गुरुवाणी 

अब एक परिचर्चा

क्या लोकतंत्र देश में एक चुनाव प्रणाली संम्भव है ?
वर्तमान में लोकतंत्र ही दुनियां में सबसे अधिक कामयाब है । 
भारत में भी लोकतंत्र अग्रेजों के समय से ही शुरू हो गया था । 
परंतु समय बीतने के साथ - साथ लोकतंत्र में चुनाव प्रणाली में 
सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही है । 
क्योंकि आये दिन के चुनाव से देश व जनता पर आर्थिक बोझ बढता है  
यही जैमिनी अकादमी द्वारा " आज की चर्चा " का प्रमुख विषय है । 
अब आये विचारों को देखते हैं

दो रचनाएँ वर्डप्रेस के ब्लॉग से



मैंने सुना है जब-जब तुमने कहा
तुम्हारी बहुत याद आती है लेकिन
मैंने नहीं देखा तुम्हें ये कहते हुए।




फूल की पाँख
सूरज की किरण
नन्ही बिटिया 

नन्ही चिरैया
घर भर में डोले
मिश्री सी घोले 

दो रचनाएँ गूगल ब्लॉग से


समानांतर चलते रहे हम, बहुत दूर
तक, रेल की पटरियों पर,
थामे हुए एक दूसरे
के हाथ, पता
ही न चला
कब



अब भी संभल जा उन नब्बे लोगों में आ
जिन्होने कुत्ते को बकरी कहने पर 
कुछ भी नहीं कहा
बस आसमान की तरफ देख कर 
बारिश हो सकती है कहा
बचे दस पागलों का गिरोह मत बना 
जिनको कुत्ता कुत्ता ही दिखा
....
सादर




4 comments:

  1. बधाई प्रकाश पर्व की। आभार यशोदा जी सूत्रों में जगह देने के लिये।

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  2. सुंदर अंक। प्रकाश पर्व की आप सभी को हार्दिक बधाई।
    'तमसोमा ज्योतिर्गमय:"

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  3. प्रकाश पर्व व देव दिवाली की असंख्य शुभकामनाएं, आलोकित मुखरित मौन मुग्ध करता हुआ, मुझे स्थान देने हेतु आभार - - नमन सह।

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  4. सभी को देव दीपावली और गुरु प्रकटोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई। सुंदर अंक अभिनव सृजन ।सादर🙏🙏

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