सादर अभिवादन
अमेरिका में भारी परिवर्तन
शेयर बाजार में
उतार-चढ़ाव जारी
बिहार में अटकलों का दौर
एक का तो हो गया
दूसरे के कयास लगाए जा रहे हैं
खैर जो भी हो
अच्छा ही होगा
....
रचनाएँ कुछ यूँ है...
एक का तो हो गया
दूसरे के कयास लगाए जा रहे हैं
खैर जो भी हो
अच्छा ही होगा
....
रचनाएँ कुछ यूँ है...
मीहिका से
निकला है मन तो
सूरज की कुछ
किरण लिखूँ मैं।
आज नया एक गीत लिखूँ मैं।
इसीलिए वे या वैसे लोग जो अपने बच्चों के बचपन के
क्रिया-कलापों को पास से देखने से किसी भी
कारणवश वंचित रह गए थे, उनके लिए तो
अपने पौत्र-पौत्रियों की गतिविधियों को देख पाना
किसी दैवीय वरदान से कम नहीं होता !
यही वह अलौकिक सुख है जिसकी खातिर उनका प्रेम,
उनका स्नेह, उनका वात्सल्य, सब अपनी
इस पीढ़ी पर न्योछावर हो जाता है।
फिर से जीवन के प्रति लगाव महसूस होने लगता है।
कुछ ऐसी वक्त की नजाकत है
ज़रा चुप रहिये
सेक्युलरिज्म की सियासत है
ज़रा चुप रहिये।
सिर्फ़ जिंदा ही हैं हम मां
जीना क्या है ये तो हम भूल ही गए हैं
तुम थी तो त्यौहार त्यौहार सा लगता था
अब तो ये केवल रस्में ही रह गई हैं
विकल्प हमेशा ऐसा ही होता है
जब चाहो
साथ रखो
जब चाहो
नजरअंदाज करो
प्रश्नपत्र में जब देखती थी ऐसा
तो उस प्रश्न का औचित्य
कभी समझ नहीं पायी
जो सरल होता था
....
बस
सादर
बस
सादर
सुंदर संकलन
ReplyDeleteअतिसुंदर संकलन
ReplyDeleteमेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार
लगातार बिहार हार रहा..
ReplyDeleteसराहनीय संकलन
नितीश फिर आ रहा है
Deleteसुंदर संकलन....मेरी रचना को स्थान देने के लिये आपका आभार
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