सादर अभिवादन
बस एक दिन और
जून का
फिर 2020 का
आधा बाकी रहेगा
जो भी होगा सब ठीक होगा
चलिए चलें.....
सरहद ....श्वेता सिन्हा
सोचती हूँ अक्सर
सरहदों की
बंजर,बर्फीली,रेतीली,
उबड़-खाबड़,
निर्जन ज़मीनों पर
जहाँ साँसें कठिनाई से
ली जाती हैं वहाँ कैसे
रोपी जा सकती हैं नफ़रत?
बस एक दिन और
जून का
फिर 2020 का
आधा बाकी रहेगा
जो भी होगा सब ठीक होगा
चलिए चलें.....
सरहद ....श्वेता सिन्हा
सोचती हूँ अक्सर
सरहदों की
बंजर,बर्फीली,रेतीली,
उबड़-खाबड़,
निर्जन ज़मीनों पर
जहाँ साँसें कठिनाई से
ली जाती हैं वहाँ कैसे
रोपी जा सकती हैं नफ़रत?
सब पीड़ा से क्षुधा बड़ी है
घर भूमि परिवार छुड़ाया
माता पिता सखा सब छूटे
माटी का मोह भुलाया।
अपनी जड़ें उखाड़ी पौध
स्वाभिमान पर घात हुई।।
रिश्ता निभाने का साधन मान लिया है
मोबाइल को, आज की पीढ़ी ने
न कागज की छुअन
न कलम से दिल का हाल लिखना
जिसमें सच्चाई झलकती थी
पहले तो हम छान आए ख़ाक सारे शहर की
तब कहीं जा कर खुला उसका मकाँ है सामने
तुम्हारे शहर में तोहमत है ज़िंदा रहना भी
जिन्हें अज़ीज़ थीं जानें वो मरते जाते हैं
कुछ बातें ,कई बार
बन जाती हैं
वजूद की अभिन्न
कर्ण के ...
कवच-कुण्डल सरीखी
अलग होने के नाम पर
करती हैं तन और मन
दोनों ही छलनी
न सिहरन बस रही तेरी,
यहाँ तो त्रस्त दुनिया है।
कफ़न कह लो चिता बोलो,
धरे सब हस्त दुनिया है।
न लिख रजनीश तू कुछ भी,
सभी से पस्त दुनिया है।
वह देह से एक औरत थी
उसने कहा पत्नी है मेरी
वह बच्चे-सी मासूम थी
उसने कहा बेअक्ल है यह
अब वह स्वयं को तरासने लगी
उसने उसे रिश्तों से ठग लिया
वह मेहनत की भट्टी में तपने लगी
...
आज बस
कल फिर
सादर
आज बस
कल फिर
सादर
शुभ संध्या, आधा वर्ष बीत गया, अब आधा जो बचा है उसमें हरेक को बहुत धैर्य और समझदारी से चलना होगा यदि खुद को अगले साल तक सुरक्षित रखना है, आभार यशोदा जी मुझे आज के इस अंक में स्थान देने हेतु !
ReplyDeleteलगता है मानो
ReplyDeleteसरहदों को लगी
होती है आदम भूख...
या शायद अपनी जीवंतता
बनाये रखने के लिए
लेती है समय-समय पर बलि
शूरवीरों की...।
जैसी मर्मांतक पंक्तियों के साथ,
प्रिय श्वेता सिंहा की मंथन को
प्रेरित करती रचना और दूसरी शानदार रचनाओं के साथ सजी जीवंत प्रस्तुति 👌👌👌सभी रचनाकार बधाई के पात्र हैं। सभी को शुभकामनायें ।सादर🙏🙏
सुंदर प्रस्तुति.बेहतरीन रचनाएँ .मेरे सृजन को स्थान देने हेतु सादर आभार .
ReplyDeleteसुन्दर सूत्र संयोजन । मेरे सृजन को संकलन में साझा करने के लिए हार्दिक आभार । सादर..,
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सुंदर संकलन।
ReplyDeleteबहुत ही शानदार प्रस्तुति।
ReplyDeleteएक से बढ़कर एक लिंक।
सभी रचनाएं बहुत आकर्षक सुंदर।
सभी रचनाकारों को बधाई।
मेरी रचना को शामिल करने केलिए हृदय तल से आभार।