सादर अभिवादन
वीररस की उत्साह बढ़ाने वाली
कविताएं हम लोग खूब लिख लेते हैं
बहिष्कार की बातें भी खूब करते हैं
पर अपनें घर के अंदर गूंगे बन जाते हैं
समाज के नियम हैं ये...
1962 और 2020 में फर्क
अंठावन साल का
बतलाते हैं लोग...ताकत
हमारी जितनी बढ़ी है
सामने वाला भी तिगुना ताकतवर हुआ है..
सामने वाले की कमर ढीली करने के
और भी तरीके हैं...
संजीदगी से अपनाइए
और सयाने बन जाइए..
कविताएं हम लोग खूब लिख लेते हैं
बहिष्कार की बातें भी खूब करते हैं
पर अपनें घर के अंदर गूंगे बन जाते हैं
समाज के नियम हैं ये...
1962 और 2020 में फर्क
अंठावन साल का
बतलाते हैं लोग...ताकत
हमारी जितनी बढ़ी है
सामने वाला भी तिगुना ताकतवर हुआ है..
सामने वाले की कमर ढीली करने के
और भी तरीके हैं...
संजीदगी से अपनाइए
और सयाने बन जाइए..
..रचनाएँ भी है उसे भी पढ़िए..
जीने भी दो यारो उसको मरके ,
जाके वापिस कभी नहीं आते
वहाँ वो शायद चैन से होगा
वहाँ पे इंसां नहीं हैं जाते
दस रुपये और दिजिए दादाजी! पिताजी की दवा भी लाना है।
क़्यों दूँ उस समय तुमने बात क़्यों नहीं किया।मैं तो तुम्हें छोटा समझकर ही लाया।चल भाग यहाँ से नहीं तो पिटाओगे।
बेचारा छोटा रिक्शा- चालक अपनी छोटी कमाई हाथ में लिए सोंच रहा था कैसे इतने में सारे काम होंगे? वह सिंह जी के विशाल भवन को निहार रहा था। आँखों के अस्क गालों के स्वेद से मिलकर धारा- प्रवाहित हो रहा था।जिसे पोछकर विराम देने का हौसला उसमें नहीं था।
मेरे गाँव,
मैं वापस लौट रहा हूँ.
सिर पर गठरी उठाए,
छालों भरे पाँवों से
थके बदन को घसीटते
मैं निकल पड़ा हूँ
सैकड़ों मील की यात्रा पर.
चहकती सी सुबह,
जैसे, जगाती है झक-झोरकर,
खोल मन की गिरह,
कई बातें सुनाती है तोलकर,
है वो रौशनी या वो है कोई चाँदनी!
वो कौन है?
जो लिए, पुकार आया!
उड़ते - उड़ते एक दिन,
जा बैठूं किसी मुंडेर पर...
खिलखिलाती हो हंसी जहाँ,
हों खुशियां छोटी - छोटी।
प्यार करें इक - दूजे से सब,
मिलजुल कर खाएं रोटी।
....
चीनी एप्प रिमूव्हल एप्प भी
गूगल प्ले से हटा दिया गया है
सादर
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चीनी एप्प रिमूव्हल एप्प भी
गूगल प्ले से हटा दिया गया है
सादर
बहुत सुंदर और भावपूर्ण प्रस्तुति दीदीजी। सभी रचनाएँ सचमुच लाजवाब है।
ReplyDeleteव्वाहहहह...
ReplyDeleteसुंदर..
सादर..
बहुत-बहुत धन्यवाद । इस प्रतिष्ठित मंच का सहभागी रचनाकार के रूप में स्थान पाना हमेशा ही सुखद अनुभूति दे जाता है ।
ReplyDeleteसभी रचनाकारों को शुभकामनाएँ ।
सुंदर रचना संकलन
ReplyDeleteसुन्दर संकलन. मेरी कविता शामिल करने के लिए आभार.
ReplyDeleteyashoda Agrawa जी
ReplyDeleteसुंदर रचना संकलन
बहुत-बहुत धन्यवाद ।
समय की कमी चल रही है आजकल कुछ इसलिए समय पर यहां नहीं पहुँच पायी
अभी धीरे धीरे सब रचनाये पढ़ती हूँ
सभी रचनाकारों को शुभकामनाएँ ।
मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
युहीं उत्साह बढ़ाती रहें
आभार