सादर अभिवादन
कहने को तो आज प्रेम दिवस है
कहने को तो आज प्रेम दिवस है
एक वर्ष पहले आज ही के दिन
माँ भारती ने अपने सपूत खो दिए थे
उसे कोई नहीं कर रहा है याद
जी हाँ, आज ही के दिन
सैनिकों की भरी बस में
आतंकवादियों नें गोला-बारी और बमों से
उसे कोई नहीं कर रहा है याद
जी हाँ, आज ही के दिन
सैनिकों की भरी बस में
आतंकवादियों नें गोला-बारी और बमों से
और साल 2019 के फरवरी महीने की 14 तारीख ने
देश को झकझोर कर रख दिया था।
इसी दिन आतंकी हमले में
40 जवान शहीद हो गए थे।
अश्रुपूरित श्रद्धांजली..
चलिए आज की मिली-जुली रचनाएँ देखें
गूंजी मातमी धुन
लुटा यौवन
तन सजा तिरंगा
लौटा माटी का लाल
माटी में मिल जाने को !
तन सजा तिरंगा !
सही गलत की बात मत करो
मुद्दे की बात मत करो
शाहीन बाग में बैठना हो
या दिल्ली में मतदान करना हो
आरोप की बात मत करो
मादा गोश्त के लिए मुद्दे की बात
कभी नहीं रही।
इश्क मोहब्बत की बात ही मत करो।
बिखरा देंगे रूप सुनहरे,
भीड़ में खड़ी जो कभी अकेली,
तुम्हें पुकारूँ , प्रियतम मेरे,
क्या उस क्षण भी इस क्षण भांति,
हाथ थाम कर मेरा प्रियवर,.
मेरे मनमीत कहलाओगे!
क्या तुम साथ निभा पाओगे!
कई-कई कागजी पन्ने नाम पर वसंत के
'वेब-पेजों' को भी सजाए हैं कई-कई
आभासी दुनिया के 'सोशल मिडिया' वाले
गए भी खेतों में अगर कभी सरसों के
कोई भी हम में से .. मिली फ़ुर्सत जब जिसे
रही तब भी ध्यान कम फूलों पर सरसों के
रही ज्यादा अपनी 'सेल्फ़ियों' पर ही हम सब के
आओ ना ! मिल कर तलाशो ना जरा वसंत को
जो 'वेलेंटाइन डे' में है अब शायद खो रही ...
नीरवता! ठहरी क्यूँ है रात भर?
है कैसी, ये कोशिशें?
असंख्य तारे, टंके आसमां पर,
कर कोशिशें, लड़े अंधेरों से रात भर,
रहे जागते, पखेरू डाल पर,
उड़ना ही था, उन्हें हर हाल पर,
चाहे, करे कोशिशें,
अंधेरे, रुकने की रात भर!
....
आज की अधिकतर रचना
....
आज की अधिकतर रचना
फेसबुक से ली गई है
सादर
सादर
मेरी दैनिक लेखन वाली साधारण सी रचना को इस मंच पर सम्मान देने हेतु आभारी हूँ ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद ।
समस्त गुणीजनों को नमन।
जी आदरणीय दीदी , आज के दिन का प्रेमदिवस के रूप में हो हल्ला है | प्रेम भी जरूरी है , पर हमें इतनी संवेदना और नैतिकता अपने भीतर जीवित रखनी चाहिए कि किसी सैनिक की शहादत को हलके में ना लें | ये राष्ट्र के प्रति सर्वोच्च बलिदान है जिसकी महिमा हिमालय से बड़ी है | उनके परिवार , बीवी बच्चों . और माता पिता के पीड़ा को हमें जरुर समझना चाहिए | ये वीर मातृभूमि का गौरव हैं | कोटि नमन माँ भारती के इन वीर सपूतों को | पिछले साल - आज के दिन लिखी उन्ही वीरों की शहादत को समर्पित मेरी रचना को मुखरित मौन में स्थान मिला . जिसके लिए आभारी हूँ | आज के सभी लिंक उम्दा हैं | सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं | सादर --
ReplyDeleteहार्दिक आभार व सस्नेहाशीष संग असीम शुभकामनाएं छोटी बहना
ReplyDeleteगद्दारों के साजिश के कारण हुए कत्ल शहीदों को नमन
सराहनीय प्रस्तुतीकरण