सादर अभिवादन..
आज ब्लेक फ्राइडे है
आज ब्लेक फ्राइडे है
'ब्लैक फ्राइडे' एक तरह से यह शॉपिंग का सप्ताह है
जिसकी शुरूआत थैंक्सगिविंग डे से शुरू होती है।
ब्लैक फ्राइडे सबसे बड़ा शॉपिंग इवेंट है,
जहां कई रिटेलर्स अपने सामान की
कीमतों में भारी डिस्काउंट देते हैं।
तो चलिए खरीदें चलकर
किसी की पीड़ा
किसी का दुख
किसी की गरीबी
काश लोग ऐसा करते..
..
चलिए रचनाओं का आस्वादन करें
तो चलिए खरीदें चलकर
किसी की पीड़ा
किसी का दुख
किसी की गरीबी
काश लोग ऐसा करते..
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चलिए रचनाओं का आस्वादन करें
मन से अर्पण दिल से समर्पण
एक ही सीरत सूरत का दर्पण
ऐसा निश्छल प्रणय हो प्रिये
हो जो कर्म मेरा, हो वह तेरा अर्जन
आँखो के समंदर में शायद, बेचैनी करवट लेती है
तेरी यादों के जंगल में, इक बाग बिठा के आया हूँ
इतराती है खुशबू ख़ुद पे, काँटों में गहमागहमी है
मैं सन्नाटों के सहरा में, कुछ फूल खिला के आया हूँ
नही जानती किसी की नजर में , अहमियत मेरी ।
मैं जानती हूँ अपने घर में , हैसियत मेरी ।।
ओस का कतरा नहीं , जो टूट कर बिखर जाऊँ ।
कमजोर भी इतनी नहीं , यूं ही उपेक्षित की जाऊँ ।।
होती चिन्ता चिता समाना ।मरम नहीं पर मेरा जाना।।
हर आहट पर सहमी जाती। संतति जब तक घर नहि आती।।
सब कहते हैं चिन्ता छोडें।कैसे अपनों से मुख मोड़ें।।
लहू से सींचा पाला तुमको । दिन अरु रात न भूले तुमको ।।
चाँद, सितारे, सूरज मांगे
वही बने हकदार ज्योति के,
काली रातें आँसू चाहे
कैसे बिछें उजाले पथ में !
तुम्हारे सीनों को जब
फिरंगियों की बेधती
निर्दयी गोलियाँ
बना गई होगी
बेजान लाशें तुम्हें ..
बेअसर रही होगी
तब भी भले ही
मन्दिरों की
तमाम बेजान
पाषाण-प्रतिमाएं ..
................
उलूकनामा.. डॉ. सुशील कुमार जोशी
अपनी लम्बाई
चार फिट की
अपनी
सोच के हिसाब से
किसे पड़ी है
आज
अगर
बन जाता है
एक
कुआँ
मेढकों का स्वर्ग
और
स्वर्गवासी
हो लेने के अवसर
तलाशते दिखें
हर तरफ
मेंढक हजार।
...
आज काफी से अधिक रचनाएँ बटोर लिए हम
चलते हैं..
सादर..
आज काफी से अधिक रचनाएँ बटोर लिए हम
चलते हैं..
सादर..
बेहतरीन प्रस्तुति..
ReplyDeleteसादर..
बेहतरीन
ReplyDeleteआभार
ReplyDeleteप्रभावशाली भूमिका के साथ पठनीय रचनाओं का सुंदर संकलन, आभार मुझे भी शामिल करने हेतु !
ReplyDeleteसुन्दर संकलन । मेरी रचना को साझा करने के लिए सादर आभार ।
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