सादर नमस्कार
गुज़रता जा रहा है नवम्बर भी
सरकार बनी नही आज तक
विमर्श चल रहा है
चलने दीजिए
अच्छी खासी जुताई के बाद
जो पौधे उगते हैं
वो बलशाली होते है...
रचनाएँ देखें
गुनगुने पानी से रोगों का इलाज
आथ्र्राइटिस के मरीज थोड़े-से गुनगुने पानी में कच्ची हल्दी का पेस्ट मिला लें। इस पानी को सुबह खाली पेट पिएं औैर शाम को डिनर से एक घंटा पहले पिएं। इससे जोड़ों के अंदर की अकड़न दूर होगी। थाइरॉइड पीड़ित व्यक्ति रात को एक चम्मच साबुत धनिया एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट पानी को आधा रह जाने तक उबालें। इसे गुनगुना होने पर पी लें। हाइपर एसिडिटी के मरीज को दिन भर में कम से कम 6 गिलास गर्म पानी पीने के लिए कहा जाता है। गुनगुना पानी पेट में जाकर इकट्ठी एसिडिटी को घोल देता है
एक रात और तूफानी हवाएं. ...
कल रात बिस्तर पर जल्दी चली गई थी. पड़ते ही आँख लग गई मगर थोड़ी देर में ही तेज तूफानी आवाजों से अचानक नींद खुल गई. डबल ग्लेज शीशों के बावजूद हवाओं का भाएँ भाएँ शोर घर के अंदर तक आ रहा था. बीच बीच में आवाज इतनी भयंकर होती कि लगता खिड़कियाँ तोड़ कर तूफ़ान कमरे में फ़ैल जाएगा. मैं इन आवाजों को नजरअंदाज कर फिर से आँख बंद करने ही वाली थी कि सारा घर कांपने लगा. फर्श, छत सब हिलने लगे. मैं हड़बड़ाकर उठी.
मैं ख़ुद को सोचना चाहता हूँ ...
ज़मीर को मारकर, क्या करोगे ज़िंदा रहकर
न कभी ख़ामोश रहना, ज़ुल्मो-सितम सहकर।
अक्सर कमजोरी बन जाती है सकूं की ख़्वाहिश
ज़िंदगी का मज़ा लूटो, बहाव के उल्ट बहकर।
बेटी के माँ बाप ...
''तुम नहीं समझोगी, माँ बाप का दुःख, बहू। अपने बच्चे दूर बैठे हैं और हम बूढ़े यहां अकेले। कोई पूछने वाला नहीं। तुम लोग महीने में दो बार चक्कर काट जाते हो, एक आधी बार दुसरा बेटा बहू आ जाते हैं..... .... और फिर हम दोनों अकेले। हमने सारी ज़िंदगी बेटों पर ही लगा दी। सारा जीवन बस इनके लिए सेक्रेफाइज़ करते रहे,'' सासु माँ, सूट्स (जो मैं सासु माँ के लिए लायी थी, हर बार की तरह ) पर हाथ फेरते फेरते बोली।
आखिरी बुजुर्ग ....
आज हो रहा गाँव की
नवनिर्मित रोड का उद्घाटन
यहां अकेले रह रहा आखिरी बुजुर्ग
गाँव छोड़ रहा है
अनमना होकर
किंतु समाप्त नहीं होता
हरे-भरे वृक्षों का मोह
मटके का पानी
मिट्टी का सौंधी महक
आज बस इतना ही
कल फिर आएँगे
सादर
गुज़रता जा रहा है नवम्बर भी
सरकार बनी नही आज तक
विमर्श चल रहा है
चलने दीजिए
अच्छी खासी जुताई के बाद
जो पौधे उगते हैं
वो बलशाली होते है...
रचनाएँ देखें
गुनगुने पानी से रोगों का इलाज
आथ्र्राइटिस के मरीज थोड़े-से गुनगुने पानी में कच्ची हल्दी का पेस्ट मिला लें। इस पानी को सुबह खाली पेट पिएं औैर शाम को डिनर से एक घंटा पहले पिएं। इससे जोड़ों के अंदर की अकड़न दूर होगी। थाइरॉइड पीड़ित व्यक्ति रात को एक चम्मच साबुत धनिया एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट पानी को आधा रह जाने तक उबालें। इसे गुनगुना होने पर पी लें। हाइपर एसिडिटी के मरीज को दिन भर में कम से कम 6 गिलास गर्म पानी पीने के लिए कहा जाता है। गुनगुना पानी पेट में जाकर इकट्ठी एसिडिटी को घोल देता है
एक रात और तूफानी हवाएं. ...
कल रात बिस्तर पर जल्दी चली गई थी. पड़ते ही आँख लग गई मगर थोड़ी देर में ही तेज तूफानी आवाजों से अचानक नींद खुल गई. डबल ग्लेज शीशों के बावजूद हवाओं का भाएँ भाएँ शोर घर के अंदर तक आ रहा था. बीच बीच में आवाज इतनी भयंकर होती कि लगता खिड़कियाँ तोड़ कर तूफ़ान कमरे में फ़ैल जाएगा. मैं इन आवाजों को नजरअंदाज कर फिर से आँख बंद करने ही वाली थी कि सारा घर कांपने लगा. फर्श, छत सब हिलने लगे. मैं हड़बड़ाकर उठी.
मैं ख़ुद को सोचना चाहता हूँ ...
ज़मीर को मारकर, क्या करोगे ज़िंदा रहकर
न कभी ख़ामोश रहना, ज़ुल्मो-सितम सहकर।
अक्सर कमजोरी बन जाती है सकूं की ख़्वाहिश
ज़िंदगी का मज़ा लूटो, बहाव के उल्ट बहकर।
बेटी के माँ बाप ...
''तुम नहीं समझोगी, माँ बाप का दुःख, बहू। अपने बच्चे दूर बैठे हैं और हम बूढ़े यहां अकेले। कोई पूछने वाला नहीं। तुम लोग महीने में दो बार चक्कर काट जाते हो, एक आधी बार दुसरा बेटा बहू आ जाते हैं..... .... और फिर हम दोनों अकेले। हमने सारी ज़िंदगी बेटों पर ही लगा दी। सारा जीवन बस इनके लिए सेक्रेफाइज़ करते रहे,'' सासु माँ, सूट्स (जो मैं सासु माँ के लिए लायी थी, हर बार की तरह ) पर हाथ फेरते फेरते बोली।
आखिरी बुजुर्ग ....
आज हो रहा गाँव की
नवनिर्मित रोड का उद्घाटन
यहां अकेले रह रहा आखिरी बुजुर्ग
गाँव छोड़ रहा है
अनमना होकर
किंतु समाप्त नहीं होता
हरे-भरे वृक्षों का मोह
मटके का पानी
मिट्टी का सौंधी महक
आज बस इतना ही
कल फिर आएँगे
सादर
मुखरित मौन की एक और शानदार प्रस्तुति।
ReplyDeleteसभी रचनाएं सार्थक और सुंदर।
रचनाकारों को बधाई।
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteव्वाहहहह..
ReplyDeleteबेहतरीन..
सादर..
संध्या मुखरित मौन की सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteमैंने अभी आपका ब्लॉग पढ़ा है, यह बहुत ही शानदार है।
ReplyDeleteSantali Mp3 Download
संध्या मुखरित मौन की सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteसभी रचनाएं सार्थक और सुंदर।
रचनाकारों को बधाई
ज़मीर को मारकर, क्या करोगे ज़िंदा रहकर
बहुत ही अच्छी पंक्तियाँ लगी ये खासकर
आथ्र्राइटिस के मरीज थोड़े-से गुनगुने पानी में कच्ची हल्दी का पेस्ट मिला लें।
सच में सटीक उपाय हे। .काफी समय से कर रही हूँ , असर होता है
bdhaayi yashoda ji achhe links jodhe hain aapne