सादर वन्दे
रविवार की छुट्टी होती है
सो आज हम हैं
हिन्दी दिवस आज है
और 14 सितम्बर को भी था
हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस
दो अलग तारीख को मनाया जाता है।
विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है।
वहीं, हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है।
हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंह ने
हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कड़ी मेहनत की।
उनके संघर्ष और मेहनत की वजह से हिंदी राष्ट्रभाषा बन सकी।
व्यौहार राजेन्द्र सिंह का जन्म 14 सितंबर, 1900
को मध्यप्रदेश के जबलपुर में हुआ था।
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यदि हम रोज हिन्दी दिवस मनाएँ तो भला
हिन्दी का हित ही होगा
आप की राय क्या है...
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अब रचनाएँ..
भीड़ में सब हैं अकेले
प्रेम के सब स्त्रोत सूखे
भावनाएँ मर चुकी हैं
बोलते हैं बोल रूखे
देखकर ये चाल शहरी
आग सी मन में लगी है
याद की बदली.........।।
साथ देती हैं गुंजाईशें भीड़ में भी
सम्भालते रहो कदम अपने
चाहे कोई भी युग हो या काल हो !
बस 'तुम' और 'मैं' का साथ
'हम' को प्रबल बनाता है
हर जंग में जीत का
परचम फैलाता है।
यूँ लगता है, जैसे!
शायद, अछूता ही था,
अब तक मैं!
जबकि, कितनी बार,
यूँ, छूकर गुजरी थी मुझको,
ख्यालों की आहट!
बदलते मौसम की मर्माहट,
ये ठंढ़क, ये गर्माहट,
बारिश की बूँदें!
गजब की गजल तूने तैयार की।
गुंजाइश नही इसमे इंकार की।।
तभी तो फिदा हो गया मन मेरा।
ये दावत अभी मैने स्वीकार की।।
सदियों तलक ये कही जायेगी।
लिखी है गजल तूने जो प्यार की।।
खाब से पूछा गरीबों से नाराजी क्या
बोला आंसू बनकर बह जाने से डरता हूँ।
हाल-ए-दिल अब बतलाने से डरता हूँ।
नाकाम रहे उस अफ़साने से डरता हूँ।
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आज बस
सादर
आज बस
सादर
सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें
ReplyDeleteआभार दिबू..
ReplyDeleteबेहतरीन रचनाओं का चयन..
हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ...
सादर..
शुभ संध्या .....आभार पटल
ReplyDeleteप्रिय दिव्या जी, सुंदर रचनाओं के संकलन संयोजन तथा प्रस्तुति के लिए बधाई..मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हृदय से आभार..सादर..
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम 👌 रचनाकारों को विश्व हिंदी दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
ReplyDeleteविश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाई शुभकामनाओं के संग
ReplyDeleteसराहनीय प्रस्तुति