Thursday, January 7, 2021

593 ...यदि अपनी फैक्ट्री बंद हो गई तो क्या मुझे भी पढ़ाई छोडनी पड़ेगी?

सादर वन्दे
गुरुवार
आधे दिन की छुट्टी
लाभ ले लिया जाए
लेना भी चाहिए
आसानी से मिलने वाला लाभ है
..
आइए चलें पढ़े..
इंसानियत का पाठ ..ज्योति देहलीवाल


"इसमें धन्यवाद की कोई बात नहीं है। असल में इससे मेरा भी फायदा ही होगा। बच्चों को फ्री में पढ़ाऊंगी तो इससे उनके चेहरे की खुशी देखकर ,उनके उज्ज्वल भविष्य का सोच कर और मैं कुछ अच्छा काम कर रही हूं इस सोच के कारण मुझे बहुत मानसिक शांति मिलेगी।"
घर आकर शिल्पा ने अनिल को बताया कि अब सिर्फ़ पिंटू ही नहीं तो उसके दोस्त भी दिपाली आंटी के पास फ्री में पढ़ेंगे तो वो बहुत खुश हो गया। शिल्पा सोचने लगी कि मैं बच्चों को सब्जी मंडी में इसलिए ले जाती थी ताकि मैं उन्हें सब्जी खरीदने के पाठ पढ़ा सकूँ! लेकिन आज मेरे नन्हें पोते ने मुझे इंसानियत का पाठ पढ़ा दिया!!


अरमान ...सुदर्शन शिवानी



तूने तो सुना होगा मेरे दिल का धड़कना,
छूकर भी देख लेना ये बेजान बहुत है।

बहुत तड़प लिए अब उससे बिछड़ कर,
पा जाएँ खोने वाले को अरमान बहुत है।


इम्तहान ...साधना वैद



अंगारे हैं, चिंगारियाँ हैं
और है एक
कभी खत्म न होने वाली
जलन, असह्य पीड़ा और
एक अकल्पनीय घुटन
जो हर ओर धुआँ भर जाने से  
मेरी साँसों को घोंट रही है
और जिससे निजात पाना
अब किसी भी हाल में
मुमकिन नहीं !


कोई छू कर गया  ...डॉ. वर्षा सिंह



आईने में वही नज़र आता
मेरी सूरत मुझे नहीं मिलती

मन कभी क़ैद में नहीं रहता
लोग कह दें भले इसे ग़लती


मुखड़े पर मुखौटा ..सुजाता प्रिय


जगह-जगह पर गिद्ध खड़े हैं,
नयन उठाकर देखो।
नोच-खसोट खाने को आतुर,
जिधर भी नजरें फेंको।
उनको मार भगाने हमको,
तुरंत सम्हलना होगा।
अपने सुंदर मुखड़े पर हमें,
अलग मुखौटा रखना होगा।

....
कल किसने देखा
पर मैं ज़रुर देखूँगी
आशावादी हूँ न
सादर 


5 comments:

  1. बेहतरीन अंक
    आभार..
    सादर..

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  2. मेरी रचना को सांध्य दैनिक मुखरित मौन में शामिल करने के लिए और अंक पर मेरी रचना का शीर्षक देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, दिव्या दी।

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  3. वाह ! आज के संकलन में बहुत ही सुन्दर सूत्रों का चयन ! मेरी रचना को इसमें स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार दिव्या जी ! सप्रेम वन्दे !

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  4. सराहनीय प्रस्तुतीकरण

    स्वस्थ्य व दीर्घायु भव:

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  5. बहुत सुंदर प्रस्तुति। मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद।

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