नमस्कार
अँधेरे को ज्ञान देने वाले लुई ब्रेल
दृष्टिबाधितों के मसीहा
आज पुण्यतिथि
आज पुण्यतिथि
जनवरी में ही आए और जनवरी में ही गए
सबसे पहले सादर नमन
........लिखने के लिए नया कुछ भी नहीं
पुराना लिखने की इच्छा भी नहीं
चलो अच्छा हुआ कि शाम तन्हा गुजरी,
अगर मिल के बिछड़ते तो बड़ी मुश्किल होती..!!
देखिए आज का पिटारा...
भुखमरी के आँसू ..जिज्ञासा सिंह
भुखमरी के आँसू ..जिज्ञासा सिंह
क़रीब गए तो देखा
पर, कर के अनदेखा
चले तो आए
मुँह छुपाए
पर बेचैन हैं हम
देख उनके आंसुओं का ग़म
रखवाला ही माने तभी बेहतरी है ..कुछ अलग सा
अब तो यही आशा करनी चाहिए कि
हाल में आन पड़ी जानलेवा,
बेकाबू आपदाओं से
सबक सीख समस्त मानव जाति
अपने आप को ही
जहान भर का मालिक ना समझ,
सिर्फ रखवाला ही मानेगी और
अपने साथ-साथ पृथ्वी और पृथ्वीवासियों के
हक़ का सम्मान कर
उन्हें भी अपनी तरह से जीने और
रहने का हक़ प्रदान करेगी ।
अस्तित्व की परिधि ...शान्तनु सान्याल
दावा रहित उस सीमान्त रेखा में
कहीं, गिरते हैं टूटे हुए तारे,
मुंडेर से उतरती चाँदनी,
कुछ पल के लिए रूकती है,
यूँ ही, उस बोगन -वेलिया के किनारे,
एक गहरा स्पर्श,
जो उतरता है आहिस्ता-आहिस्ता,
इंसाफ ...विभा रानी श्रीवास्तव
कोई साबित नहीं कर पायेगा कि
हत्या के इरादे से तुमने इसका
गर्दन तोड़ा है। तुम मार्शल आर्ट में
ब्लैक बेल्ट धारी विशेषज्ञ बनी ही इसलिए थी।"
मन ने सचेत किया।
हत्या के इरादे से तुमने इसका
गर्दन तोड़ा है। तुम मार्शल आर्ट में
ब्लैक बेल्ट धारी विशेषज्ञ बनी ही इसलिए थी।"
मन ने सचेत किया।
दिमाग को
आडेंटिटी
नहीं बना सकते
पल में जनवरी
पल में दिसम्बर
हो जाता है दिमाग
अन्ना को कोई राय
नहीं दे सकता
फिंगर प्रिंट की
जगह मेंटल
प्रिंट करवायें
दिमाग हर क्षण
बदलता है दिमाग
आडेंटिटी
नहीं बना सकते
पल में जनवरी
पल में दिसम्बर
हो जाता है दिमाग
अन्ना को कोई राय
नहीं दे सकता
फिंगर प्रिंट की
जगह मेंटल
प्रिंट करवायें
दिमाग हर क्षण
बदलता है दिमाग
..
आज के लिए इतना काफी है
सादर
आज के लिए इतना काफी है
सादर
आभार...
ReplyDeleteबढ़िया अंक..
सादर..
आभार दिग्विजय जी।
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति व संकलन के साथ मुखरित मौन मुग्ध करता हुआ - - मुझे शामिल करने हेतु आभार आदरणीय दिग्विजय जी, नमन सह।
ReplyDeleteअसीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
ReplyDeleteश्रमसाध्य कार्य हेतु साधुवाद
बढ़िया अंक
ReplyDeleteसम्मिलित कर सम्मान देने हेतु अनेकानेक धन्यवाद ! स्नेह बना रहे
ReplyDelete