गणतंत्र दिवस को
न समझो तुम एक त्योहार
भारत के गणतंत्र का
है सारे जग में मान
सभी धर्मों को देकर स्थान
रचा गया है संविधान
हर सब भारत वासी का
है पूर्ण इसमें विश्वास
असली गणतंत्र तो तभी बनेगा
जब कागज़ पर छपा स्वप्न
पन्नों से निकलकर
आम जन के जीवन को
ख़ुशियों से भर देगा
अनेकता में एकता
न रहे एक संदेश भर
हर भारतवासी कहे स्वयं को
है हम भारत के सपूत
बसे मातृभूमि में मन प्राण
अपने अधिकारों की
सजगता ले आये खुशी अपार
एक ही कर्म ग्रंथ सबका
कहलाये संविधान
चलो आज संकल्प उठाये
दिन है पावन कुछ काम करे
सच्चे भारतवासी बनकर
हमसब भारत का सम्मान करे
शुभ प्रभात सखी
ReplyDeleteबहुत बढ़िया समयानुकूल प्रस्तुति
सादर