तू भी लावारिस है और मेरा भी नही कोई वारिस
एक दूसरे का अब हमको,बन कर रहना सहारा है
दर्द, भूख और जिंदगी के सितम, तुम पर पड़ने नही दूँगा
मेरी जिंदगी का अनमोल रिश्ता, मेरी मझधार का किनारा है
जिंदगी के हर सितम सहकर, हर ख़ुशी तुम्हारी खरीदूँगा
अब तू ही बनेगा मेरा वारिस, तू ही छोटा परिवार हमारा है
गोद ले लिया एक बचपन ने, दूसरे लावारिस बचपन को
बया करती तस्वीर कहानी, लावारिस होना ही कसूर सारा है..!!
-लावारिस रचना
वारिस की तलाश
ओह्ह
ReplyDeleteदुखिया ही समझ सके दुखिया का हाल
सुंदर लेखन
बहुत सुन्दर।
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